शरद पवार क्यों नहीं बन पाए प्रधानमंत्री? बड़े नेता प्रफुल्ल पटेल ने कांग्रेस को लेकर कही ये बड़ी बात

Update: 2020-12-13 05:23 GMT

मुंबईमहाराष्ट्र में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस को साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शरद पवार शनिवार को 80 साल के हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पवार को उनके जन्मदिन पर शुभकमानाएं दीं। वहीं एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने दावा किया कि पवार 1990 के दशक में जब कांग्रेस में थे, उस दौरान अपने खिलाफ 'दरबारी राजनीति' के कारण वह दो मौकों पर प्रधानमंत्री नहीं बन पाए थे।


शनिवार सुबह पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, 'पवार जी को जन्मदिन की बधाई। कामना है कि ईश्वर उन्हें दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन प्रदान करे।' राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'शरद पवार को जन्मदिन पर शुभकामनाएं।' महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पवार को उनके जन्मदिन की बधाई दी और उन्हें राज्य में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार का स्तंभ बताया। ठाकरे ने कहा कि पवार की ऊर्जा और उत्साह सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।

समाचार पत्र में प्रकाशित अपने आलेख में पटेल ने कही बात
पूर्व केंद्रीय मंत्री पटेल ने एक समाचार पत्र में प्रकाशित अपने आलेख में लिखा, 'पवार ने बहुत कम समय में कांग्रेस में अग्रिम पंक्ति के नेता के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर ली थी। वह 1991 और 1996 में प्रधानमंत्री की भूमिका के लिए निश्चित रूप से स्वाभाविक उम्मीदवार थे। लेकिन दिल्ली की दरबारी राजनीति (भाई-भतीजावाद) ने इसमें अवरोध पैदा करने की कोशिश की। निश्चित रूप से यह न केवल उनके लिए एक व्यक्तिगत क्षति थी, बल्कि उससे भी ज्यादा पार्टी और देश के लिए क्षति थी।'

'पवार दो मौकों पर प्रधानमंत्री बनने से चूके'
पटेल ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस के 'दरबार' का एक तबका' प्रभावशाली नेताओं को कमजोर करने के लिए राज्य इकाइयों में विद्रोहों को बढ़ावा देता था। इस लेख के बारे में पूछे जाने पर पटेल ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा कि पवार दो मौकों पर प्रधानमंत्री बनने से चूक गए...बनते बनते रह गए ... अब, अगर पूरा महाराष्ट्र उनके साथ खड़ा होता है, तो हमारा अधूरा सपना पूरा हो सकता है।


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