भारतीय जनता पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ ही तृणमूल कांग्रेस की ओर से एक सुर से इस पर सहमति बनते हुए दिख रही है। तीनों पार्टियों ने ही यह कहना शुरू कर दिया है यदि वह सिलीगुड़ी महकमा परिषद की सत्ता में आती हैं तो सिलीगुड़ी से महकमा परिषद कार्यालय को हटाकर ग्रामीण क्षेत्रों में ले जाया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष आनंदमय बर्मन कहते हैं कि परिषद का कार्यालय सिलीगुड़ी शहर में होना ही नहीं चाहिए था। यह शहर के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों में होता तो परिषद क्षेत्र के लोगों को कामकाज में सुविधा होती। नक्सलबाड़ी व खोडीबारी, फांसीदेवा क्षेत्र से लोगों को आने जाने में उनका पूरा समय व्यतीत हो जाता है। समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती है। अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो ग्रामीण क्षेत्र में परिषद कार्यालय स्थापित किया जाएगा।
वहीं दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस के नेता व परिषद के पूर्व विरोधी दल नेता काजल घोष कहते हैं कि वह अपने मेनिफेस्टो में इस बात का जिक्र करेंगे। मेनिफेस्टो में इस बात को शामिल भी किया जाएगा कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो परिषद कार्यालय ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा।
वही सिलीगुड़ी महकमा परिषद के पूर्व सभाधिपति व माकपा नेता तापस सरकार कहते हैं कि 30 साल पहले सिलीगुड़ी महकमा परिषद कार्यालय सिलीगुड़ी शहर में स्थापित किया गया था । तब समय कुछ और था। तब सिलीगुड़ी में इतनी जाम की समस्या भी नहीं होती थी और परिषद का क्षेत्र भी सीमित था। लेकिन वर्तमान स्थिति में शहरी क्षेत्र में लोगों के लिए आना संभव नहीं है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में ही सिलीगुड़ी महकमा परिषद को हस्तांतरित किए जाने की जरूरत है। वह खुद भी इसके पक्ष में है।
बताते चलें कि सिलीगुड़ी महकमा परिषद को 1989 में सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 12 में स्थापित किया गया था। उस समय यह ढांचागत तौर पर काफी समृद्ध कार्यालय था। इसमें जिलाधिकारी से लेकर कई महत्वपूर्ण अधिकारियों के चेंबर हैं। लेकिन वर्तमान समय काल के अनुसार अब यह औचित्यहीन लगने लगा है तथा अब इसे ग्रामीण क्षेत्रों में ही स्थापित करने की मांग हो रही है । दरअसल महकमा परिषद नक्सलबाड़ी, खोड़ीबाड़ी, माटीगाड़ा, फासीदेवा चार प्रखंडों के लोगों के कामकाज को देखता है। इसमें ग्राम पंचायत व पंचायत समिति से जुड़े कार्यो की देखरेख व नीति निर्धारण का कार्य होता है। ऐसे में स्वाभाविक तौर पर परिषद कार्यालय ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित किया जाता है तो लोगों के लिए बेहतर साबित होगा।