व्हाइट फंगस के मरीजों को हो रही है सांस लेने में दिक्कत, छोटी और बड़ी आंत में हुआ छेद

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Update: 2021-05-27 14:45 GMT

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमित मरीज में व्हाइट फंगस यानी कैंडिडा की वजह से फूड पाइप, छोटी आंत एवं बड़ी आंत में छेद का मामला सामने आया है. अस्पताल का दावा है कि यह विश्व का पहला केस है. इससे पहले सर गंगाराम अस्पताल में दो मरीज जो कोरोना संक्रमित थे उनकी आंत में ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरम्यकोसिस मिला था. आमतौर पर कोरोना संक्रमित मरीजों में म्यूकोरम्यकोसिस के आंख और नाक के केस ज्यादा आए हैं. दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में 49 साल की महिला को 13 मई को अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में एडमिट कराया गया. उसके पेट में असहनीय दर्द था और उल्टियों के साथ वो कब्ज़ से पीड़ित थी. कुछ समय पहले महिला का ब्रैस्ट कैंसर की वजह से ऑपेरशन किया गया था और चार हफ्ते पहले कीमोथेरेपी खत्म हुई थी.

एडमिशन के समय महिला शॉक में थी और सांस लेने में उसे काफी कठिनाई हो रही थी. सीटी स्कैन करने पर मरीज के पेट में हवा और तरल द्रव्य का आभास हुआ जोकि आंतो में छेद की निशानी है. जिसके बाद मरीज की हालत काफी नाजुक थी. तुरन्त उसके पेट में पाइप डालकर करीब एक लीटर पस एवं बाइल द्रव्य निकला गया और उसके बाद इमरजेंसी सर्जरी की गई. डॉ. (प्रो.) अनिल अरोड़ा, चेयरमैन, इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड पैन्क्रियाटिकोबिलरी साइंसेज,सर गंगा राम अस्पताल, ने बताया कि सर गंगाराम अस्पताल में दो हफ्ते पहले ये पेशेंट हमारे पास आई थीं जिनकी पहले ब्रैस्ट कैंसर की सर्जरी हुई, फिर कीमोथेरेपी हुई और अब वो लूज मोशन और एब्डोमिनल पेन की वजह से एडमिट हुई. फिर हमने पाया कि उनके आंत में लीक है. उनकी कंडीशन को सुधारने के बाद तुरंत सर्जरी की गई. सर्जरी में GE जंक्शन से स्टामक से फ़ूड पाइप से बड़ी आंत में होल मिले.

सर गंगा राम अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, चार घंटे चली इस मुश्किल सर्जरी में महिला के फूड पाइप, छोटी आंत और बड़ी आंत में हुए छेदों को बंद कर दिया और द्रव्य लीक को रोक दिया. छोटी आंत में हुए गैंगरीन को भी काटकर निकाल दिया गया. इसके बाद आंत के एक टुकड़े को बायोप्सी के लिए भेजा गया. इस ऑपेरशन में शामिल डॉ. अरोड़ा के मुताबिक, "आंत से निकाले गए टुकड़ो की बायोप्सी से हमें पता चला कि आंतों में व्हाइट फंगस है जिसने आंतों के अंदर खतरनाक फोड़ेनुमा घाव कर दिए थे जिसकी वजह से खाने की पाइप से लेकर छोटी आंत और बड़ी आंत में छेद हो गए थे. मरीज की कोविड-19 एंटीबॉडी लेवल भी बढे हुए थे. खून की जांच करने पर शरीर के अंदर व्हाइट फंगस बढ़ा हुआ मिला. जल्द ही मरीज को ऐंटीफंगल ट्रीटमेंट शरू कर दिया गया जिससे उसकी हालत में काफी सुधार हुआ.

अपनी तरह का पहला मामला

डॉक्टरों के मुताबिक स्टेरॉयइड के इस्तेमाल के बाद ब्लैक फंगस के द्वारा आंत में छेद होने के कुछ मामले हाल ही में सामने आए हैं पर व्हाइट फंगस द्वारा कोविड-19 इन्फेक्शन के बाद खाने की नली, छोटी आंत एवं बड़ी आंत में छेद करने का मामला यह विश्वभर में पहला है. कोविड-19 के बाद व्हाइट फंगस का मामला कहीं भी मेडिकल लिटरेचर में प्रकाशित नहीं हुआ. इसका कारण शायद मरीज की तीन अवस्थाएं थी जिससे उसके शरीर की बीमारी से लड़ने की क्षमता बहुत कम हो गयी थी. यह तीन अवस्थाएं थी कैंसर, हाल ही में दी गई कीमोथेरेपी और कोविड-19 इंफेक्शन. इसकी वजह से व्हाइट फंगस जो कि सामान्यतः इतनी हानि नहीं पहुंचाता है, उसने भी हानिकारक रूप से मरीज के शरीर के अंदर काफी नुकसान पहुंचा दिया. इस वक्त मरीज सर्जरी के बाद ठीक है और कुछ दिनों के बाद उसको अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.

डॉ अनिल अरोड़ा ने बताया कि ये देखा गया कि ये व्हाइट फंगस या कैंडिडा की वजह से था. कैंडिडा नॉर्मल फंगल इंफेक्शन होता है जो आंत में रहता है. जब इम्मुनो सप्रेस होती है जब आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जैसा इस मरीज में था. इसके तीन कारण थे इम्मयून कमज़ोर होना, अंडरलाइन कैंसर, कीमोथेरेपी होना और कोरोना. इन तीनो की वजह से उसे ये हुआ.  इसे पहले सर गंगाराम अस्पताल में दो ऐसे मरीजों का इलाज हुआ है जिन्हें कोरोना था और उसके चलते उन्हें पेट की छोटी आंत में म्यूकोर्मिकोसिस हुआ. समय रहते उनका इलाज हुआ और उनकी जान बच गई. जिसे ये साफ है कि म्यूकोरम्यकोसिस का खतरा सिर्फ आंख नाक से नहीं पेट मे भी है.

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