अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य और तीर्थ के इंतजार में बैठे श्रद्धालुओं का इंतजार जारी है। अब राम जन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने शनिवार को जानकारी दी है कि मंदिर साल 2024 को मकर संक्रांति पर तैयार हो सकता है। राजधानी दिल्ली में अयोध्या पर्व कार्यक्रम के दौरान राय ने यह घोषणा की है।
न्यूज18 के अनुसार, उन्होंने कहा, 'हालांकि, मैंने पहले कहा था कि राम जन्मभूमि मंदिर का उद्घाटन 2023 के अंत में होगा। इसकी तारीख पर अंतिम मुहर नहीं लग पा रही है, क्योंकि सूर्य दक्षिणायन में है। इसलिए मकर संक्रांति पर मंदिर का उद्घाटन करने का हमारा लक्ष्य है, जब सूर्य उत्तरायण में प्रवेश करेगा। जिसे एक शुभ अवसर माना जाता है। तकनीकी तौर पर 14 जनवरी से पहले का दिन पिछले साल का आखिरी दिन होता है।'
राय ने यह भी कहा कि वह दिन होगा, जब भगवान राम अपने वास्तविक स्थान पर विराजेंगे। निर्माण कार्य को लेकर राय ने कहा कि भगवान राम के बैठने के लिए ग्रेनाइट की 6 फीट ऊंची कुर्सी तैयार की गई है। उन्होंने कहा, 'हम उम्मीद कर रहे हैं कि एक बार इस साल अगस्त में नींव और कुर्सी का काम पूरा होने पर मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा।'
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पत्थरों के तराशने का काम भी शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2020 में मंदिर की भूमि पूजन की थी।
वार्ता के अनुसार, राजघाट स्थित गांधी स्मृति एवं दर्शन के परिसर में हो रहे इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में शनिवार सुबह श्रीराम चरित मानस का अखंड पाठ शुरू हुआ। दोपहर में सांसद रमेश विधूड़ी ने अयोध्या पर प्रदर्शनी और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्य मंत्री सतीश शर्मा ने अवधी व्यंजनों की सीता रसोई एवं अवधी हाट का शुभारंभ किया। मुख्य समारोह में मुख्य अतिथि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी थे जबकि विशष्टि अतिथि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष एवं मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी कमलनयन दास, महामंत्री चंपत राय और वरष्ठि पत्रकार जवाहरलाल कौल थे।