भारत को कब मिलेगी पहली हाइपरसोनिक मिसाइल? ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने बताया, जानिए सब कुछ
नई दिल्ली: भारत-रूस डिफेंस ज्वाइंट वेंचर ब्रह्मोस एयरोस्पेस हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने में सक्षम है और पांच से छह साल में अपनी पहली ऐसी मिसाइल बना लेगा। ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने सोमवार को यह जानकारी दी। ब्रह्मोस एयरोस्पेस के सीईओ और एमडी अतुल राणे ने कहा, "ब्रह्मोस एयरोस्पेस हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने में सक्षम है। पांच से छह वर्षों में हम ब्रह्मोस की ओर से अपनी पहली हाइपरसोनिक मिसाइल हासिल करने में सक्षम होंगे।"
भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने सोमवार को 'सिल्वर जुबली ईयर' समारोह (2022-2023) की शुरुआत की। यह आयोजन भारत के सबसे सफल और अत्याधुनिक सैन्य साझेदारी कार्यक्रमों में से एक की अविश्वसनीय यात्रा को चिह्नित करने के लिए किया गया, जिसने दुनिया का सबसे तेज और सबसे शक्तिशाली आधुनिक सटीक स्ट्राइक हथियार ब्रह्मोस का उत्पादन किया है। ।
अपराजेय ब्रह्मोस के पहले सुपरसोनिक लॉन्च के 21 गौरवशाली वर्षों को चिह्नित करने के लिए 12 जून से शुरू होकर 'रजत जयंती वर्ष' समारोह 12 फरवरी, 2023 को 'ब्रह्मोस स्थापना दिवस' पर समाप्त होगा। 'सिल्वर जुबली ईयर' समारोह के दौरान, संयुक्त उद्यम इकाई ने कई प्रमुख कार्यक्रम, बैठकें और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं का आयोजन करने की योजना बनाई है, जिसमें उद्योग भागीदारों की बैठक शामिल है, जो कि संयुक्त उद्यम के प्रमुख उद्योग भागीदारों के अमूल्य योगदान को उजागर करने के लिए है।
इसके अलावा, दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली का संचालन करने वाले भारतीय सशस्त्र बलों के योगदान और व्यावसायिकता को स्वीकार करने के लिए एक यूजर इंटरेक्शन मीटिंग भी होगी। मिसाइल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवा प्रतिभाओं को आकर्षित करने के उद्देश्य से मिसाइलों और एयरोस्पेस क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी व इसके प्रयोग पर राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता आयोजित की जानी है। भव्य समारोह का समापन 12 फरवरी, 2023 (ब्रह्मोस स्थापना दिवस) पर होगा, जिसके दौरान महत्वपूर्ण कार्यक्रम होंगे।