आगरा: छह साल पुराने धारा 188 के मामले में केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल समेत चार आरोप तय होने के लिए शनिवार को अदालत में हाजिर हुए। विशेष मजिस्ट्रेट एमपी/एमएलए अर्जुन ने मामले की अगली सुनवाई के लिए सात जून नियत की है। वहीं इस मामले में पुलिस ने तत्कालीन एसडीएम समेत नौ को गवाह बनाया था। केंद्रीय राज्यमंत्री व अन्य के खिलाफ एत्मादपुर थाने में वर्ष 2016 में बिना अनुमति सभा करने पर पुलिस ने धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था।
मामले में चार्जशीट अदालत में दाखिल की थी। जिस पर केंद्रीय मंत्री की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता केके शर्मा ने उन्मोचन (डिस्चार्ज) करने को अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। जिस पर 12 मई को सुनवाई के बाद अदालत ने प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था। केंद्रीय राज्यमंत्री की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता केके शर्मा ने बताया कि शनिवार को केंद्रीय राज्यमंत्री, पूर्व सांसद प्रभुदयाल कठेरिया, पूर्व विधायक रामप्रताप सिंह चौहान एवं कल्पना धाकरे आरोप तय होने के लिए अदालत में हाजिर हुए। वहीं विशेष मजिस्ट्रेट एमपी/एमएलए ने अगली सुनवाई के लिए पत्रावली पर सात जून नियत की है।
बता दें कि थाना एत्मादपुर के तत्कालीन एसएचओ ब्रहम सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि पांच अप्रैल 2016 को निरोत्तम सिंह बघेल निवासी मो. कटरा कस्बा एत्मादपुर के साथ घटना हुई थी। जिसमें मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर प्रो. एसपी सिंह बघेल ने 11 अप्रैल 2016 को तहसील एत्मादपुर परिसर में प्रदर्शन का ऐलान किया था। आरोप था कि धारा 144 लगी होने के बावजूद प्रो. बघेल ने सैंकड़ों समर्थकों के साथ नगला गंगारात तिराहे पर तख्त, बैनर एवं लाउडस्पीकर लगा बिना अनुमति के सभा का आयोजन किया।
लोक सेवक द्वारा सम्यक रुप से प्रख्यापित आदेश की आवज्ञा करने पर प्रो. एसपी सिंह बघेल, रामप्रताप सिंह चौहान, प्रभूदयाल कठेरिया समेत 38 के विरुद्ध थाना एत्मादपुर में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने तत्कालीन एसडीएम समेत नौ को गवाह बनाया था। इस मामले में केंद्रीय राज्यमंत्री समेत चार ने अपनी पत्रावली अलग करा ली थी।