रांची: झारखंड की राजधानी रांची में बीते शुक्रवार को हुई हिंसा और बवाल पर एसपी सिटी अंशुमान कुमार ने कहा है कि पहली गोली भीड़ की ओर से चलाई गई थी, जिसके जवाब पुलिस की ओर फायरिंग की गई. इस हिंसा में कई पुलिसवाले घायल हुए हैं, लेकिन काम पर डटे हुए हैं. वहीं, सुनियोजित षड्यंत्र के सवाल पर एसपी सिटी ने कहा कि ये जांच का विषय है, इस पर कुछ नहीं कहूंगा.
एसपी सिटी ने कहा कि रांची के जिस मेन रोड इलाके में हिंसा हुई, वहां घटना के एक दिन पहले रात को बीजेपी से निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पोस्टर बांटे गए थे. पोस्टर में मुस्लिम समाज के लोगों को शुक्रवार को इकट्ठा होने की बात लिखी थी. घटना वाले दिन नमाज के बाद इकरा मस्जिद के बाहर तकरीर हुई, जिसके बाद प्रदर्शन मार्च दूसरी तरफ रवाना हुआ था. कुछ देर बाद जुलूस फिर लौटा और मस्जिद के सामने से होते हुए हनुमान मंदिर की ओर बढ़ने लगा. इस बीच माहौल बिगड़ने लगा.
पुलिस को शक है कि कुछ बाहरी तत्व इसमें शामिल हो सकते हैं. कई सारे ऐसे चेहरे भीड़ में शामिल थे जो पहले नहीं देखे गए थे. उधर, गोली लगने से घायल दोनों युवक का दावा है कि वो भीड़ का हिस्सा नहीं थे बल्कि बाजार से लौटते वक्त उन्हें गोली मारी गई. फिलहाल दोनों का इलाज रिम्स में चल रहा है.
रांची में हालात तेजी से सामान्य होते दिख रहे हैं. शनिवार मथ्य रात्रि लगभग 12 बजे के आसपास से इंटरनेट सेवा भी बहाल कर दी गई है. हालांकि अभी भी रांची में धारा 144 लागू है. दूसरी तरफ उपद्रवियों की पहचान की कवायद जारी है. पूरा इलाका जहां उपद्रव हुआ था वहां की हर दुकान, प्रतिष्ठान और चौराहों के CCTV फुटेज खंगाल कर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है.
अभी तक की जानकारी के मुताबिक, लोउर बाजार थाना, हिंदपीढ़ी थाना और डेली मार्केट थाना में 20 से ज्यादा लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है. वहीं मेनरोड से लेकर हिंदपीढ़ी के बीच पुलिस बल तैनात है. शनिवार को ATS और RAF ने फ्लैग मार्च किया था. DGP नीरज सिन्हा खुद सड़कों पर निकलते हुए दिखे थे.
इधर, रांची से सटे रामगढ़ और हजारीबाग जिले में भी धारा 144 लगाई गई है. इसके अलावा खूंटी में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है. पुलिस सोशल मीडिया की भी मॉनिटरिंग कर रही है. एक SIT पुलिस ने भी गठित कर जांच कर रही है.
इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया गया है. इस दो सदस्यीय कमेटी में आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव अमिताभ कौशल और एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑपरेशन संजय आनंद लाटकर शामिल हैं. कमेटी को 7 दिनों के भीतर रांची हिंसा की जांच कर रिपोर्ट सौंपने की जिम्मेदारी दी गई है.
बिहार के मंत्री नितिन नवीन ने भी एक प्राथमिकी दर्ज कराई है. दरअसल, 10 जून को रांची के डेली मार्केट के पास उपद्रवियों ने उनकी गाड़ी पर भी हमला बोल दिया था. उसी वक्त उन्होंने डीजीपी को पूरी घटना की जानकारी दे दी थी.
बता दें कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ निलंबित बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल की कथित टिप्पणी को लेकर रांची में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद भीड़ ने विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान हिंसा हुई और उपद्रवियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की कार्रवाई में घायल लोगों में दो की मौत हो गई थी. हिंसा में आईपीएस अधिकारी को भी चोट आई थी, जिसके बाद प्रशासन ने देर शाम शहर के कुछ हिस्सों में धारा 144 लगाई दी.