बेटा घर पहुंचा तो मां ने उतारी आरती, और बोली - दोबारा यूक्रेन नहीं भेजूंगी
यूपी। यूक्रेन में फंसे एमबीबीएस छात्रों की घर वापसी का सिलसिला लगातार जारी है. ऐसा ही छात्र प्रशांत सिंह जब कानपुर अपने घर पहुंचा तो बहुत ही भावुक नजारा देखने को मिला. बेटे की घर पहुंचते ही मां सुमन ने उसे गले से लगा लिया और बोलने लगीं- डॉक्टर की डिग्री मिले न मिले बेटे को दोबारा नहीं भेजूंगी. छात्र के पिता नाहर सिंह पीएसी के जवान हैं. वह 37 वाहिनी पीएसी कैम्पस में रहते हैं. उन्होंने बताया कि बेटा दोपहर को घर पहुंचा तो हम बेटे की आरती उतारने के लिए दरवाजे पर थाली सजाए खड़े थे. बेटे के घर पहुंचते ही हम खुद को रोक नहीं पाए और उसे गले लगा लिया. माला पहनाकर, टीका लगाकर उसका स्वागत किया. नाहर सिंह बोले- यूक्रेन जाने में मैं मजबूर था लेकिन अगर बेटा देश में कहीं फंसा होता तो वर्दी पहनकर कप्तान की अनुमति लेकर बेटे को लेने पहुंच जाता.
पिता ने बताया कि प्रशांत सिंह यूक्रेन के तेरनोपिल शहर में एमबीबीएस कर रहा था. लड़ाई शुरू होने के बाद वह अपने साथियों के साथ पैदल चलकर पहले रोमानिया बॉर्डर पहुंचा. यहां से चार दिन बाद इंडिया लाया गया. सुबह दिल्ली पहुंचने पर यूपी सरकार की तरफ से उसे कार से घर तक छोड़ा गया. प्रशांत का कहना है कि वहां का दर्द किसी भी तरह से बयां नहीं किया जा सकता. बम और गोलों के बीच लगता था कि कभी घर नहीं जा पाऊंगा लेकिन मोदी सरकार हम सब को बचा लाई. उसने सरकार से अपील है कि वह और फ्लाइट बढ़ाकर सबको ले लाए.
ऑपरेशन गंगा मिशन के तहत भारतीयों को लेकर लगातार फ्लाइट्स दिल्ली पहुंच रही हैं. आज बुधवार को सात फ्लाइट्स भारतीय छात्रों को वापस लेकर आ रही हैं. हम अगले तीन दिन में करीब 27 उड़ानों को यूक्रेन भेजेंगे. विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने कहा कि यूक्रेन में 20 हजार भारतीय छात्र थे. इनमें से करीब 12 हजार छात्र यूक्रेन छोड़ चुके हैं. बचे आठ हजार छात्रों में कुछ आधे खारकीव और सूमी में हैं और बाकी या तो यूक्रेन की पश्चिमी सीमाओं तक पहुंच चुके हैं या उस ओर जा रहे हैं.