भोपाल। हमने अभी तक पुलिस को सिर्फ इंसानों की मदद करते देखा है. लेकिन, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में एक ऐसा अनोखा मामला सामने आया है जिसमें पुलिस एक बिल्ली की मौत के बाद उसके चार बच्चों के लिए मां की भूमिका निभा रही है. थाने का स्टाफ थाने के अंदर ही उन चारों बच्चों की देखभाल कर रहा है. भावनाओं से भरा ये नजारा भोपाल के रातीबड़ थाने में देखा जा सकता है.
दरअसल, रातीबड़ थानाप्रभारी सुदेश तिवारी को फोन पर सूचना मिली कि एक बिल्ली की मौत हो गई है. फोन करने वाले नाबालिग बच्चे और उसके बुजुर्ग दादा ने फोन पर टीआई से बिल्ली के 4 बच्चों की मदद करने के लिए सहायता मांगी. इस पर पुलिस ने तत्काल मदद की. पुलिस बिल्ली के बच्चों की परवरिश के लिए थाने ले आई. थानाप्रभारी सुदेश तिवारी ने बताया कि आज बहुत विचित्र मामला थाने में आया. एक 7-8 साल के बच्चे ने मुझे फोन लगाया. उसने अपने 80 साल के दादा से भी बात कराई. उन्होंने बड़े दुखी मन से बताया कि उनके घर में बिल्ली ने चार बच्चे दिए हैं और बिल्ली की संभवतया मौत हो गई है. कृपया सहायता करें. तिवारी ने बताया कि इसके बाद स्टाफ बिल्ली के बच्चों को थाने में ही ले आया. थाना स्टाफ ने बच्चों को बोतल से दूध पिलाया और उन्हें एक डलिया में सुरक्षित रखा है.
गौरतलब है कि एमपी पुलिस जनता के बीच छवि सुधारने की कई कोशिशें कर रही है. इसी कड़ी में अब पुलिस ने नई तकनीक भी अपनाई है. प्रदेश में अब अपराध की जांच जल्द होगी. इससे पीड़ित को न्याय भी जल्द मिलने की संभावना और बढ़ जाएगी. प्रदेश के इतिहास में पहली बार अब कागजों पर नहीं बल्कि ऑनलाइन इन्वेस्टिगेशन होगी. हत्या, लूट, डकैती, रेप जैसे जघन्य अपराधों के साथ-साथ सभी तरह के अपराधों की जांच इन्वेस्टिगेशन ऐप के जरिए होगी. यह एप्लीकेशन जल्द थाने स्तर पर पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों के टेबलेट और मोबाइल फोन पर अपलोड होने जा रही है.
पुलिस मुख्यालय के स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (SCRB) ने पुलिस को हाईटेक बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने अब इन्वेस्टिगेशन ऐप तैयार किया है. यह ऐप अंतिम चरण में है. इस ऐप में एफआईआर, उसकी आगे की जांच और चार्जशीट पेश करने के तमाम ऑप्शन हैं. पुलिस की जांच पेपरलेस होगी. इससे विवेचना से लेकर चार्जशीट तैयार करना आसान होगा जाएगा. घटनास्थल पर जाकर केस से जुड़े फोटो, वीडियो, बयान, पंचनामा की कार्रवाई भी इसी ऐप के जरिए ऑनलाइन की जा सकेगी. ऑनलाइन इन्वेस्टिगेशन ऐप से पुलिस का समय बचेगा और कागज की बर्बादी भी नहीं होगी. जांच का समय बचेगा तो लोगों को न्याय भी जल्दी मिलेगा.