जब एक अनजान लाश के कारण पुलिस ने हल किया मर्डर का केस, सीसीटीवी में हो गया रिकॉर्ड

जानें पूरा मामला।

Update: 2022-01-12 12:35 GMT

कानपुर: एक शख्स ने अपनी बीवी का कत्ल किया. फिर उसकी लाश को ठिकाने भी लगा दिया. उसे यकीन था कि जिस तरीके से उसने लाश को कहीं दूर ले जाकर फेंका है. उससे किसी को भी उस पर शक नहीं होगा. लिहाजा वो बेफिक्र था. मगर उसी शख्स के शहर से होकर बहने वाली एक नदी से पुलिस ने कुछ दिन पुरानी एक महिला की लाश बरामद की. उसके बाद इस मामले में जो कुछ भी हुआ वो बेहद हैरान करने वाला था. इस मामले में कत्ल तो एक महिला का हुआ. मगर पुलिस दो लाशों को लेकर तफ्तीश कर रही थी. मामला यूपी के कानपुर का है.

कौशलपुरी इलाके की रहनेवाली 36 साल की हाउसवाइफ अंजना अचानक अपने घर से गायब हो गई. घरवालों ने उसे अपने तौर पर बहुत ढूंढा, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला. इसके बाद पहले अंजना की बहन बबली ने उसके गायब होने की शिकायत की और और फिर अंजना के पति सुलभ ने इस सिलसिले में पुलिस कंप्लेंट दी. हालांकि सुलभ ने अपने कंप्लेंट में बताया कि उसकी पत्नी उससे नाराज़ होकर कहीं चली गई है, जबकि बहन बबली अंजना की गुमशुदगी का इल्ज़ाम अपने बहनोई सुलभ पर लगा रही थी. उसका तो यहां तक कहना था कि सुलभ ने उसका क़त्ल ही कर दिया है.
हालांकि पुलिस ने दोनों ही शिकायतों पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया. लेकिन जब बबली के साथ-साथ परिवार के बाकी लोगों ने नज़ीरबाद थाने का घेराव किया, तब जाकर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की. मगर अभी पुलिस अंजना को ढूंढ पाती, तब तक 7 जनवरी को कानपुर की पनकी नहर से एक महिला की लाश मिली. लाश कई दिन पुरानी थी, जिसे पहचान पाना भी मुश्किल था. लेकिन अंजना की बहन बबली ने लाश को देखते ही पहचान लिया और कहा कि ये लाश उसकी बहन अंजना की ही है. अंजना का पति सुलभ पहले ही शक के दायरे में था, ऐसे में लाश मिलते ही पुलिस ने उससे सख्ती शुरू कर दी.
पुलिस ने सुलभ के घर के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की गुमशुदगी वाले दिनों की फुटेज की जांच की और इस कोशिश से सुलभ बुरी तरह फंस गया. असल में सीसीटीवी फुटेज में सुलभ एक कार में एक भरी हुई बोरी डाल कर ले जाता हुआ दिखा. सवाल ये था कि कहीं बोरी में अंजना की लाश तो नहीं थी?
सच जानने के लिए पुलिस ने फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की मदद ली. एक्सपर्ट्स ने उस कार की जांच की. जिससे पता चला कि कत्ल के बाद कार की सफ़ाई करा दी गई थी, लेकिन उस कार में खून के धब्बे अब भी मौजूद थे. अब सुलभ के सामने सच्चाई कबूल करने के सिवाय कोई चारा नहीं था. ऐसे में उसने ना सिर्फ अपनी बीवी अंजना का कत्ल करने की बात मान ली बल्कि उसकी लाश को ठिकाने लगाने की जो कहानी सुनाई वो बेहद अजीब और ख़ौफनाक थी.
पुलिस की मानें तो शादीशुदा सुलभ किरण नाम की एक और लड़की से प्यार करता था और इसे लेकर पति-पत्नी के बीच रिश्ते ठीक नहीं थे. क्रॉकरी कारोबारी सुलभ और अंजना ने 2008 में लव मैरिज की थी. उन्हें 11 और पांच साल के दो बेटे हैं.
इधर, 22 दिसंबर को सुलभ के एक बेटे ने कोल्डड्रिंक की ज़िद की. मां अंजना ने कोल्डड्रिंक दिलाने से मना किया, तो सुलभ का चचेरा भाई ऋषभ बच्चे को कोल्ड ड्रिंक दिलाने घर से बाहर ले गया और ये बात उस रोज़ अंजना और सुलभ के झगड़े की वजह बन गई. गुस्से में सुलभ ने अंजना को थप्पड़ मार दिया और अंजना ने सुलभ का कॉलर पकड़ लिया. बस, यही झगड़ा क़त्ल की वजह बन गई. और सुलभ ने गला घोंट कर अंजना का क़त्ल कर दिया.
पुलिस के पास सुलभ की कार में बोरी रखने की सीसीटीवी फुटेज तो थी ही, पूछताछ में सुलभ ने लाश को कार में लाद कर निपटाने की बात भी बताई. उसने कहा कि उस रात अपने घर में अंजना की गला घोंट कर जान लेने के बाद उसने लाश को बोरी में भर कर अपनी कार में डाला और फिर सीधे रायपुरवा में अपनी गर्लफ्रेंड के फ्लैट में पहुंच गया.
यहां सुलभ का साथ देने के लिए उसकी गर्लफ्रेंड किरण, उसके पिता राम दयाल और सुलभ का चचेरा भाई पहले से ही मौजूद थे. पहले तो चारों ने मिल कर लाश को बुरी तरह से खुर्द-बुर्द करने की कोशिश की. उसे पेट्रोल छिड़ कर जलाया भी, लेकिन धुआं फैलता देख चारों ने आग बुझा दी. लेकिन इस दौरान चारों के नाखून में अंजना के मांस के टुकड़े और ख़ून के अंश रह गए. खून के ये धब्बे भी फॉरेंसिक जांच के बेंजाडीन टेस्ट के दौरान पकड़े गए. और तो और लाश निपटाने के बाद गुनहगारों ने उस फ्लैट की रंगाई पुताई तक करवा दी, ताकि वहां लाश निपटाये जाने की कोशिश का कोई भी सुराग ना बचे.
और तो और गुनहगारों के जैकेट, चप्पल और दूसरी चीज़ों में भी खून के निशान मिले और पुलिस ने सुलभ के साथ-साथ उसकी गर्लफ्रेंड, उसके पिता और चचेरे भाई को सबूत मिटाने के जुर्म में गिरफ्तार भी कर लिया. कत्ल के बाद सबूत मिटाने में सुलभ का साथ देनेवाले तीनों लोगों के अपने अलग-अलग इरादे थे. चचेरा भाई तो अपने भाई का साथ दे रहा था, गर्लफ्रेंड ब्वॉयफ्रेंड के साथ आनेवाली जिंदगी के सपने बुन चुकी थी, जबकि गर्लफ्रेंड का बुजुर्ग बाप बेटी का घर बसाने के लिए क़त्ल के मामले में भी अपने होनेवाले दमाद का साथ दे रहा था.
लेकिन कहानी में तब एक ज़बरदस्त ट्विस्ट आ गया. जब पता चला कि पुलिस पनकी नहर से मिली जिस लाश को अंजना की लाश मान कर चल रही थी, वो लाश तो अंजना की थी ही नहीं. क्योंकि सुलभ और उसके भाई ने वो लाश पनकी नहर में नहीं बल्कि वहां से करीब 50 किलोमीटर दूर पांडू नदी में फेंका था, जो बिल्कुल विपरीत दिशा में था. असल में पनकी नहर से लाश मिलने के बाद बेशक अंजना की बहन बबली ने उसे अपनी बहन की लाश बता दिया था, लेकिन खुद अंजना का बेटा ये मानने को तैयार नहीं था कि ये लाश उसकी मां का है.
और तो और उसने उस लाश को अपनी मां की लाश मानने से मना करते हुए उसे मुखाग्नि तक देने से मना कर दिया था, लेकिन घरवालों के समझाने बुझाने के बाद वो राज़ी हो गया. अब इधर, आरोपी सुलभ भी और ही कहानी सुना रहा था. इस कहानी के मुताबिक उसने लाश पनकी नहर में नहीं बल्कि पांडू नदी में फेंकी थी.
फिलहाल, पुलिस ने पनकी नहर से मिली लाश से अंजना के डीएनए सैंपल मिलान करने की कोशिश शुरू कर दी है. इसके लिए फॉरेंसिक लैब में सैंपल भिजवाए गए हैं. लेकिन रिपोर्ट का सामने आना अभी बाक़ी है. लेकिन इस तमाम उथल पुथल के बीच दो सवाल सामने आ गए हैं. पहला तो ये कि अगर पनकी नहर से मिली लाश अंजना की नहीं थी, तो फिर वो लाश किसकी थी? और दूसरा ये कि अगर अंजना की लाश पनकी नहर नहीं बल्कि पांडू नदी में फेंकी गई थी, तो फिर वो लाश कहां गई?
कुल मिलाकर, यहां क़त्ल का मामला बेशक एक हो, लेकिन लाश दो हैं. और ग़ौर करनेवाली बात ये है कि जिस लाश की बदौलत अंजना के क़त्ल का केस खुल गया. तमाम सबूत मिल गए. कातिल के साथ-साथ कत्ल में साथ देनेवाले तक पकड़े गए. वो लाश ही अंजना की नहीं बल्कि किसी और की थी यानी एक गुमनाम लाश थी.
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