जब रात 1 बजे अस्पताल में खत्म हो गई ऑक्सीजन, 15 मरीज कोरोना से अपनी लड़ते रहे लड़ाई, थाने पहुंचा कॉल, और सब इंस्पेक्टर ने ऐसे बचा ली जान
देशभर में कोरोना के कारण ऑक्सीजन की कमी की खबरें आ रही हैं, बहुत से नागरिकों की जान ऑक्सीजन की शॉर्टेज के कारण जा रही है. ऑक्सीजन की कमी की ऐसी ही एक सूचना से नागपुर के जरीपटका इलाके में स्थित तिरपुडे अस्पताल में तब हड़कंप मच गया जब ये पता चला कि अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो गई है. तिरपुडे अस्पताल के ICU वार्ड में करीब 15 मरीज कोरोना से अपनी लड़ाई लड़ते रहे जिनके पास से ऑक्सीजन हटाने का सीधा मतलब मौत था.
ऐसी स्थिति में अस्पताल ने जरीपटका पुलिस थाने में रात एक बजे पत्र लिखकर सूचना दी कि उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडरों की तत्काल जरूरत है. ऑक्सीजन उपलब्ध न होने की स्थिति में 15 मरीजों की जान जा सकती है. उस समय जरीपटका पुलिस थाने में सब इंस्पेक्टर महादेव नाईकवाड़े ऑन ड्यूटी थे, मौके की नजाकत को समझते हुए सब इंस्पेक्टर महादेव नाईकवाड़े तुरंत इंतजाम करने के लिए कोशिश करना शुरू कर दिया.
वो अपने साथ 4 पुलिस पुलिसकर्मियों को लेकर नाईकवाड़े इलाके में स्थित एक ऑक्सीजन प्लांट पहुंचे. जहां प्लांट मालिक ने प्रशासन का परमिशन लेटर न होने के कारण ऑक्सीजन देने की आनाकानी की. लेकिन पुलिस के मनाने पर ऑक्सीजन प्लांट का मालिक 7 ऑक्सीजन सिलेंडर देने के लिए तैयार हो गया.
इस तरह वहां से ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर नाईकवाड़े ने अस्पताल पहुंचा दिए और 15 मरीजों की जान रात में बचा ली गई. अस्पताल के डॉक्टर शिवराज सुपलकर ने भी आजतक से फोन पर बात करते हुए पुलिस का धन्यवाद किया है. साथ ही सरकार से ऑक्सीजन, रेमडेसीविर दवाई उपलब्ध कराने की मांग की है. आपको बता दें कि ऐसी ही एक घटना मध्य प्रदेश के शहडोल मेडिकल कॉलेज में घटी है, जहां ऑक्सीजन की कमी के कारण 12 से अधिक मरीजों की जान चली गई.