सुपरवाइजर को बदमाशों ने पीटा तो लिखा दी लूट की रिपोर्ट, 9 गिरफ्तार
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ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा स्थित इकोटेक 3 थाना क्षेत्र में एक कम्पनी में सुपरवाइजर कर्मचारियों को ठीक से काम करने के लिए टोका टाकी करता था. इससे नाराज कर्मचारी ने मौका पाकर सोमवार देर शाम सुपरवाइजर को ऑटो से उतारकर जमकर पिटाई की. उसने पुलिस को मामले की सूचना दी. पीड़ित ने पुलिस को बताया कि आरोपी उससे 25 हजार रुपये भी लूट ले गए हैं. पुलिस ने शिकायत के आधार पर सभी 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस जांच में पीड़ित सुपरवाइजर की लूट की बात झूठी निकली. पुलिस आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई में जुटी है. मूलरूप से हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला निवासी राकेश कुमार सूरजपुर कस्बे में रहते हैं. वह ईकोटेक-3 स्थित औद्योगिक क्षेत्र में स्थित वीडियो टेक्स कम्पनी में सुपरवाइजर के पद पर तैनात हैं. गत सोमवार की शाम वह ऑटो से कम्पनी से घर के लिए जा रहे थे. तभी सूरजपुर स्थित पुलिस लाइन के पास बाइक सवार कुछ युवकों ने ऑटो को रुकवाकर उन्हें नीचे उतार लिया और मारपीट की. घटना को अंजाम देकर आरोपी मौके से फरार हो गए. 25 हजार रुपये भी लूट की दी थी सूचना : पीड़ित राकेश कुमार ने पुलिस को बताया कि आरोपी उनसे 25 हजार रुपये भी लूट ले गए हैं. पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच शुरू कर दी.
मामले में पुलिस ने बुलन्दशहर जिले के निवासी ललित राघव और वरुण को, अलीगढ़ जिले के रहने वाले आकाश, कृष्ण और हिमांशु को, कासगंज के निवासी अजय को, औरैया के गोविंद और जितेन्द्र उर्फ जीता को और बांदा के रज्जू उर्फ कृष्णा को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इनके कब्जे से वारदात में प्रयुक्त दो बाइक भी बरामद की है. बदला लेने के लिए दिया था घटना को अंजाम : पुलिस के अनुसार जिला बुलंदशहर के शिकारपुर का रहने वाला ललित राघव वीडियो टेक्स कम्पनी में लाइन पर काम करता था. पुलिस पूछताछ में ललित ने बताया कि राकेश उसका सुपरवाइजर है. राकेश कम्पनी के प्रोडेक्शन मैनेजर सुनील का खास आदमी है. सुपरवाइजर और मैनेजर ललित को आए दिन परेशान करते थे. सुपरवाइजर और प्रोडेक्शन मैनेजर से तंग आकर ललित ने राकेश को सबक सिखाने का फैसला किया. उसने अपने चाचा के लड़के वरुण, वरुण के साले के लड़के आकाश और अन्य साथियों के साथ मिलकर सुपरवाइजर की पिटाई की योजना बनाई. योजना अनुसार सभी ने बीते सोमवार को घटना को अंजाम दिया. झूठी निकली लूट की सूचना : नोएडा सेंट्रल के एसीपी-3 ने बताया कि सुपरवाइजर ने पुलिस को 25 हजार रुपये की लूट की झूठी सूचना दी थी. पूछताछ के दौरान पुलिस ने सुपरवाइजर राकेश से पूछा कि उसे कम्पनी से सैलरी नहीं मिली है तो इतने रूपये कहां से मिले थे? उसने बताया कि कम्पनी के ही एक व्यक्ति से उसने लिए थे. पुलिस ने उस व्यक्ति से पूछा तो उसने राकेश को किसी भी तरह के रुपये देने की बात से इनकार कर दिया. पुलिस को शक हुआ और पड़ताल में लूट की घटना झूठी निकली. पुलिस के अनुसार पीड़ित आरोपियों पर मारपीट की घटना को लूट में दर्ज करा कर आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई कराना चाह रहा था.