जब पूर्व सीएम बोले- ...आपको लगता है कि क्या वे मुझे छोड़ देंगे?...जानें पूरी बात
नई दिल्ली: कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया पर कोडागु में अंडे फेंकने के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को नौ लोगों को गिरफ्तार किया. हालांकि बाद में सभी को कोर्ट से बेल मिल गई. वहीं सिद्धारमैया ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया- जिन्होंने महात्मा गांधी को मार डाला, आपको लगता है कि क्या वे मुझे छोड़ देंगे? उन्होंने कहा कि गोडसे ने गांधी पर गोली चलाई और उन्हें मार डाला लेकिन कांग्रेस उनकी फोटो रखकर पूजा करती है.
पिछले दिनों सिद्दारमैया बारिश के कारण हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए कोडागु गए थे. इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनका काफिला रोकने की कोशिश की. उन्हें काले झंडे दिखाए और उनकी कार पर अंडे भी फेंके थे.
वहीं कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने सिद्धारमैया पर हुए हमले पर कहा कि विपक्ष के नेता पर हमला होना उनका अपना सम्मान है. अगर उनकी किसी बात पर मतभेद हो तो उसका विरोध करना चाहिए लेकिन किसी तरह का फिजिकल एक्ट करना ठीक नहीं है.
कर्नाटक विधानसभा में 16 अगस्त को नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया ने आरोप लगाया कि शिवमोगा जिले के मुख्यालय में 15 अगस्त को बीजेपी ने सांप्रदायिक तनाव पैदा किया. उन्होंने हिंदू और बीजेपी कार्यकर्ताओं की ओर से मुस्लिम बहुल इलाके में सावरकर का चित्र लगाने का प्रयास करने पर सवाल उठाया.
सिद्धरमैया ने पूछा, 'उन्होंने मुस्लिम बहुल इलाके में सावरकर का चित्र लगाने का प्रयास किया. उनको कोई भी चित्र लगाने दीजिए, कोई समस्या नहीं है लेकिन यह मुस्लिम बहुल इलाके में क्यों किया जा रहा है? वे टीपू सुल्तान के चित्र को लेकर इनकार क्यों करते रहे हैं?' इसी बयान के बाद से बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ता उनका विरोध कर रहे हैं.
श्री राम सेना के प्रमुख प्रमोद मुतालिक ने कहा कि सिद्धारमैया के साथ जो कुछ हो रहा है वह इसलिए हो रहा है क्योंकि उन्होंने सावरकर का अपमान किया था. मैं अंडे फेंकने से सहमत नहीं हूं, लेकिन मैं सावरकर के लिए लड़ रहे प्रदर्शनकारियों की सराहना करता हूं. इंदिरा गांधी ने खुद सावरकर को सर्टिफिकेट दिया और अब आप सावरकर को गाली कैसे दे सकते हैं.
मुतालिक ने कहा कि आप कहते रहते हैं कि सावरकर ने दया पत्र लिखा था लेकिन नेहरू ने भी जेल से अंग्रेजों को दया पत्र लिखा था. सिद्धारमैया को नेहरू को भी गाली देनी चाहिए.
प्रमोद मुतालिक ने चेतावनी देते हुए कहा कि ईदगाह मैदान अब सरकारी मैदान है. सुप्रीम कोर्ट भी दो बार कहा चुका है कि आप नमाज की इजाजत दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि साल में एक बार यहां गणेश उत्सव मनाया जाए. यह हमारा अधिकार है. जिस तरह से उनके पास धार्मिक अधिकार है, हमारे पास भी वैसे ही अधिकार हैं. उन्होंने कहा कि अगर हमें गणेश उत्सव बनाने की अनुमति नहीं मिली तो हम विरोध करेंगे.
बीजेपी या कांग्रेस स्कूल में गणेश उत्सव नहीं मनवार रहे, यह तो दशकों से मनाया जा रहा है. अब स्कूलों में हिजाब और नमाज आ गई है. हमने हिजाब या नमाज का विरोध नहीं किया लेकिन हमने स्कूलों में इस्लामवाद का विरोध किया.