जब फ्लीट नहीं मिली तो बगैर सुरक्षा तामझाम के टैक्सी से होटल पहुंचे मुख्यमंत्री, खोजते रहे अफसर, क्या गड़बड़ी हुई जानें?
क्या है वीआईपी प्रोटोकॉल?
नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा को लखनऊ एयरपोर्ट पर उनकी फ्लीट तैयार रहने के बावजूद नहीं मिल सकी। फ्लीट न मिलने पर जब वह टैक्सी लेकर उसमें बैठ गए तब हड़कंप मच गया। जब तक सीएम हिमंता बिस्वा सरमा को ढूंढ़ा जाता वह गोमतीनगर स्थित होटल पहुंच चुके थे। उनकी पत्नी ने कैब का पेमेंट किया। वह चार्टर विमान से राजधानी आए थे। दरअसल भाजपा शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री बुधवार को अयोध्या गए थे। इसी क्रम में अयोध्या से असम के सीएम शाम को अपने चार्टर्ड विमान से लखनऊ पहुंचे। उनका विमान पौने पांच बजे शाम को उतरा। उनको ले जाने के लिए फ्लीट भी तय समय पर वीआईपी हैंगर पहुंच गई थी।
सामान्य चार्टर विमानों की जगह अलॉट कर दी: एयरपोर्ट पर वीआईपी हैंगर और डोमेस्टिक टर्मिनल का रास्ता अलग है। दोनों के बीच आधा किलोमीटर के लगभग दूरी भी है। सूत्रों ने बताया कि समन्वय में कहीं गड़बड़ी होने की वजह से सीएम के विमान को सामान्य चार्टर विमानों की 'बे' एलॉट कर दी गई। नतीजतन वह डोमेस्टिक टर्मिनल पर सामान्य यात्रियों की तरह बाहर आए। बाहर निकल कर देखा कि कोई लेने नहीं आया। कुछ देर उन्होंने इंतजार भी किया। इसके बाद कैब लेकर होटल के लिए रवाना हो गए। दूसरी तरफ वीआईपी ड्यूटी में तैनात पुलिस प्रशासन के अफसर चिंता में पड़ गए। चौकी इंचार्ज से लेकर एसीपी तक से कहा गया कि पता लगाएं सीएम कहां हैं। तब तक सीएम की टैक्सी आगे निकल चुकी थी।
क्या गड़बड़ी हुई
● विमान राज्य सरकार के हैंगर की बजाए साधारण 'बे' में पहुंच गया
● वहां से सीधे डोमेस्टिक टर्मिनल से बाहर आने का ही रास्ता है
● वीआईपी और डोमेस्टिक टर्मिनल के बीच 500 मीटर की दूरी
● डोमेस्टिक टर्मिनल के बाहर फ्लीट न मिलने पर बुक की टैक्सी
क्या है वीआईपी प्रोटोकॉल
● एयरपोर्ट पर अति विशिष्ट अतिथियों के लिए वीआईपी हैंगर है
● इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग की है
● यह रनवे से सटा होता है, विश्राम के लिए लाउंज की व्यवस्था है
● विमान उतरने के बाद इस छोर पर रोका जाता है
● अतिथि यहां से अपनी फ्लीट के साथ रवाना हो जाते हैं