जब सुप्रीम कोर्ट के जज ने चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को किया कॉल, जानिए फिर क्या हुआ?

बीजेपी विधायक के बेटे ने की थी शिकायत.

Update: 2021-02-07 03:42 GMT

इंदौर. हिंदू देवी-देवताओं को लेकर कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद हास्य कलाकार मुनव्वर फारूकी (Munawar Faruqui) को शनिवार देर रात यहां केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया. वह पिछले 35 दिन से न्यायिक हिरासत के तहत इस जेल में बंद थे. केंद्रीय जेल प्रशासन ने प्रयागराज की एक अदालत के जारी पेशी वॉरंट का हवाला देते हुए फारूकी की रिहाई में शनिवार देर शाम असमर्थता जताई थी, लेकिन बाद में जेल के एक अधिकारी ने कहा कि मामले में शीर्ष न्यायालय का शुक्रवार को पारित आदेश करीब 30 घंटे बाद कारागार प्रशासन को मिला, जिसके आधार पर युवा हास्य कलाकार को शनिवार देर रात रिहा कर दिया गया.

वहीं इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के जज ने इंदौर के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को फोन करके उनसे शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर ऑर्डर देखने का आग्रह किया, जिसमें उसने मुनव्वर को जमानत देने के साथ ही प्रोडक्शन वारंट पर भी रोक लगा दी थी.
इस आदेश के तहत उच्चतम न्यायालय ने फारूकी को इंदौर में दर्ज मामले में अंतरिम जमानत दे दी थी. इसके साथ ही धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के ही आरोप में उनके खिलाफ प्रयागराज में दर्ज मामले में वहां की एक निचली अदालत के जारी पेशी वॉरंट पर रोक भी लगा दी थी. चश्मदीद लोगों ने बताया कि फारूकी की रिहाई की सूचना मिलते ही शनिवार देर रात जेल परिसर में मीडिया कर्मी भी जमा हो गए थे, लेकिन धार्मिक रूप से संवेदनशील मामले में गिरफ्तार हास्य कलाकार को इनकी नजर से बचाते हुए गुपचुप तरीके से जेल परिसर से बाहर निकाला गया.
धार्मिक भावनाएं आहत करने का था आरोप
इंदौर में एक जनवरी की रात दर्ज प्राथमिकी में धार्मिक भावनाएं आहत करने के मुख्य आरोप का सामना कर रहे गुजरात के हास्य कलाकार को शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी थी. मुनव्वर के वकीलों ने इंदौर की जिला अदालत में शनिवार को उच्चतम न्यायालय का आदेश प्रस्तुत कर जमानत की औपचारिकताएं पूरी कीं. स्थानीय अदालत ने 50,000 रुपये की जमानत और इतनी ही राशि के मुचलके पर फारूकी को केंद्रीय कारागार से रिहा करने का आदेश दिया. फारूकी की रिहाई से पहले, केंद्रीय कारागार के एक अधिकारी ने शनिवार देर शाम कहा कि प्रयागराज की एक अदालत ने वहां दर्ज मामले में फारूकी को 18 फरवरी को पेश किए जाने का आदेश दिया है. उन्होंने जेल नियमावली का हवाला देते हुए दावा किया कि उन्हें फारूकी को कारागार से रिहा करने के लिए प्रयागराज की अदालत या सरकार के किसी सक्षम प्राधिकारी के आदेश की आवश्यकता है.
बीजेपी विधायक के बेटे ने की थी शिकायत
हिन्दू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणियों के आरोप में ही फारूकी के खिलाफ प्रयागराज के जॉर्ज टाउन पुलिस थाने में पिछले साल मामला दर्ज किया गया था. अधिकारियों ने बताया कि मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की स्थानीय विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ की शिकायत पर एक जनवरी को गिरफ्तारी के बाद से फारूकी इंदौर के केंद्रीय जेल में बंद थे. गौरतलब है कि जिला अदालत और इसके बाद मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने फारूकी की जमानत अर्जियां दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद खारिज कर दी थीं. इसके बाद हास्य कलाकार ने जमानत पर रिहाई के लिए उच्चतम न्यायालय की शरण ली थी.
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