बड़ा सवाल उठाया: 'पुलिस जब फर्जी मुठभेड़ कर सकती है तो...' , पूर्व डीजीपी का बयान चर्चा में

प्रदेश में सजायाफ्ता और विचाराधीन मामलों को मिलाकर इस समय 250 पुलिसकर्मी जेल में हैं।

Update: 2024-03-31 09:53 GMT

फाइल फोटो

लखनऊ: जेल में बंद मुख्तार अंसारी की मौत के मामले में उठ रहे सवालों के बीच यूपी के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह का बयान सामने आया है। प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा कि सभी तरह का संदेह दूर करने के लिए बांदा जेल में बंद रहे माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के प्रकरण की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए। पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह जालौन के कोंच नगर में एक निजी कार्य में शामिल होने आए थे। इस दौरान उन्होंने ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी राज्य की अभिरक्षा में था और उसने कोर्ट में यह आरोप लगाया था कि उसे धीमा जहर दिया जा रहा है और उसकी हत्या की जा सकती है, इसलिए इस मामले से संदेह को दूर किया जाना चाहिए। जितनी जल्दी हो सके, उतनी जल्दी यह प्रकरण सीबीआई को सौंप देना चाहिए। एक सवाल के जवाब में पूर्व डीजीपी ने कहा कि होने को कुछ भी हो सकता है। पुलिस जब फर्जी मुठभेड़ कर सकती है तो कुछ कर सकती है, मर्डर कर सकती है तो कुछ भी कर सकती है। प्रदेश में सजायाफ्ता और विचाराधीन मामलों को मिलाकर इस समय 250 पुलिसकर्मी जेल में हैं। जब मुख्तार ने आरोप लगाया और घटना हो गई तो पर्याप्त संदेह पैदा होता है। राज्य सरकार का स्पष्ट स्टैंड है कि हम कानून के शासन में विश्वास करते हैं। ऐसे में इस संदेह की हवा को साफ करना बेहद जरूरी है।
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