जब इंदिरा गांधी ने की थी वीर सावरकर की तारीफ, भारत सरकार में मंत्री ने शेयर की ये तस्वीर

Update: 2021-10-14 08:03 GMT

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बयान दिया, जिसके मुताबिक महात्मा गांधी के कहने पर अंडमान की जेल में बंद सावरकर ने अंग्रेजी सरकार के सामने दया याचिका दी थी। इस बयान के आने के बाद से ही एक बार फिर से विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस पार्टी की तरफ से भी इस बयान को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं। वैसे तो कांग्रेस पार्टी हमेशा से ही सावरकर पर अंग्रेजों से माफी मांगने का आरोप लगाती आई है लेकिन इतिहास में जाकर देखें तो इंदिरा गांधी ही वीर सावरकर की तारीफ कर चुकी हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा, 'सावरकर के खिलाफ झूठ फैलाया गया, कहा गया कि उन्होंने अंग्रेजों के सामने बार-बार माफीनामा दिया, लेकिन सच्चाई ये है कि दया याचिका उन्होंने खुद को माफ किए जाने के लिए नहीं दी थी, उन्हें महात्मा गांधी ने कहा था कि दया याचिका दायर कीजिए। महात्मा गांधी के कहने पर उन्होंने याचिका दी थी। महात्मा गांधी ने अपनी ओर से ये अपील की थी कि सावरकर जी को रिहा किया जाना चाहिए। लेकिन उन्हें बदनाम करने के लिए कहा जाता है कि उन्होंने माफी मांगी थी, जो बिलकुल बेबुनियाद है।'
राजनाथ सिंह के बयान पर कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जब सावरकर जेल में बंद थे तो उन्होंने महात्मा गांधी से कैसे बात की? दो साल पहले भी सावरकर को लेकर कांग्रेस-बीजेपी में जुबानी जंग छिड़ी थी, उस वक्त बीजेपी नेता जितेंद्र सिंह ने इंदिरा गांधी की एक पुरानी चिट्ठी ट्वीट की थी जिसमें इंदिरा ने सावरकर की तारीफ की थी।
इंदिरा गांधी 1980 में खुद सावरकर की तारीफ कर चुकी हैं। स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक संस्था के सचिव पंडित बाखले को लिखी चिट्ठी में इंदिरा गांधी ने सावरकर की जन्म शताब्दी को लेकर उनकी योजनाओं के लिए सफलता की कामना की थी। साथ ही उन्होंने न केवल सावरकर को भारत का विशिष्ट पुत्र बताया था और यह भी कहा था कि उनका ब्रिटिश सरकार से निर्भीक संघर्ष स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अपना खुद का महत्वपूर्ण स्थान रखता है। सावरकर पर 'द ट्रू स्टोरी ऑफ फादर ऑफ हिंदुत्व' नाम की किताब लिखने वाले लेखक वैभव पुरांदरे ने भी कुछ साल पहले इस चिट्ठी की विश्वसनीयता की पुष्टि की थी।
वैभव ने कुछ साल पहले मीडिया में यह भी बताया था कि इंदिरा ने सिर्फ यह चिट्ठी ही नहीं लिखी थी बल्कि उन्होंने सन् 1966 में सावरकर की मौत पर दुख भी जताया था। इंदिरा गांधी ने उस समय सावरकर की तारीफ करते हुए एक बयान जारी किया था और सावरकर को ऐसा क्रांतिकारी बताया था जिन्होंने देश में कई लोगों को प्रेरणा दी।
बता दें कि साल 2019 में दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित कांग्रेस की 'भारत बचाओ रैली' में राहुल गांधी ने सावरकर को लेकर अपमानजनक बयान दिया था। राहुल ने वहां मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बब्बर शेर और शेरनियां कहकर संबोधित किया था और कहा था कि कांग्रेस वर्कर किसी से नहीं डरता। राहुल ने इस दौरान यह भी कहा था कि उनका नाम राहुल सावरकर नहीं बल्कि राहुल गांधी है। मैं मर जाऊंगा लेकिन सच के लिए माफी नहीं मांगूंगा।



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