जब बैडमिंटन खिलाड़ी बन गईं महामहिम, राष्ट्रपति ने साइना नेहवाल को दी कड़ी टक्कर
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नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन के बैडमिंटन कोर्ट में दिग्गज शटलर और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता साइना नेहवाल के साथ बैडमिंटन खेला. बैडमिंटन खेलने के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने मंझे हुए खिलाड़ी की तरह कई शॉट लगाए और उन्होंने कई मौके पर साइना नेहवाल को मात भी दी.
इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इससे पहले बुधवार को राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में प्रतिष्ठित डूरंड कप, प्रेसिडेंट्स कप और शिमला ट्रॉफी का अनावरण किया था. राष्ट्रपति सचिवालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि राष्ट्रपति का यह प्रेरणादायक कदम ऐसे समय में भारत के बैडमिंटन की महाशक्ति के रूप में उभरने के अनुरूप है, जब महिला खिलाड़ी विश्व मंच पर बड़ा प्रभाव डाल रही हैं.
उसने मुर्मू और नेहवाल के मुकाबले की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, ‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का खेलों के प्रति स्वाभाविक प्रेम तब देखने को मिला जब उन्होंने राष्ट्रपति भवन के बैडमिंटन कोर्ट में बहुचर्चित खिलाड़ी साइना नेहवाल के साथ बैडमिंटन खेला.’ साइना सहित पद्म पुरस्कार विजेता महिलाएं ‘उनकी कहानी-मेरी कहानी’ व्याख्यान श्रृंखला के तहत राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में व्याख्यान देंगी और दर्शकों से बातचीत करेंगी.
साइना नेहवाल ने भी राष्ट्रपति के साथ खेलने का मौका मिलने पर अपनी खुशी जाहिर की. नेहवाल ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "भारत के राष्ट्रपति के साथ खेलना मेरे लिए सम्मान की बात है... यह मेरे जीवन का कितना यादगार दिन है. मेरे साथ बैडमिंटन खेलने के लिए राष्ट्रपति जी का बहुत-बहुत धन्यवाद."
हरियाणा की रहने वाली, 33 वर्षीय शटलर नेहवाल ने अपने करियर की शुरुआत में 2008 में BWF विश्व जूनियर चैंपियनशिप जीतकर सभी का ध्यान आकर्षित किया था. 2008 में, वह ओलंपिक क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. उन्होंने हांगकांग की तत्कालीन विश्व नंबर पांच खिलाड़ी वांग चेन को हराया, लेकिन इंडोनेशिया की मारिया क्रिस्टिन यूलियांटी से हार गईं. 2009 में, साइना BWF सुपर सीरीज प्रतियोगिता जीतने वाली पहली भारतीय बनीं. उन्हें 2009 में अर्जुन पुरस्कार और 2010 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
लंदन में 2012 ओलंपिक खेलों के दौरान, नेहवाल ने महिला एकल कांस्य पदक जीता. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 20 से अधिक खिताब जीते हैं और 2016 में केंद्र ने उन्हें प्रतिष्ठित पद्म भूषण से सम्मानित किया था. शटलर ने भारत के लिए एक शानदार करियर बनाया है, जिसने देश में खेल को बदल दिया है। साइना ने कई प्रमुख बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें उन्होंने कई ट्रॉफी और पदक जीते। वह खेल में दुनिया की नंबर 1 रैंकिंग रखने वाली एकमात्र महिला भारतीय खिलाड़ी भी हैं.