कांदे ने कहा, 'आदित्य ठाकरे एक सम्मानित व्यक्ति हैं और उन्होंने नितेश राणे पर ध्यान नहीं दिया. हम अपने नेता का इस प्रकार से अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे.' उन्होंने मांग की कि या तो राणे सदन में माफी मांगें या उन्हें निलंबित किया जाए. शिवसेना विधायक सुनील प्रभु ने कांदे का समर्थन किया. पार्टी के एक अन्य सदस्य भास्कर जाधव ने मांग उठाई कि राणे को विधानसभा की सदस्यता से स्थायी तौर पर निलंबित कर देना चाहिए. शिवसेना सदस्यों की नारेबाजी और हंगामे के चलते सदन के पीठासीन अधिकारी ने 10 मिनट के लिए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी. गौरतलब है कि नितेश राणे, केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे हैं.
सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने के बाद नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नितेश को उनके बर्ताव के लिए फटकार लगाई जाएगी. उन्होंने कहा, 'लेकिन सदन के बाहर हुई घटना के लिए एक सदस्य को निलंबित करना ठीक नहीं है.' इससे पहले फडणवीस ने कहा था कि जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता छगन भुजबल सदन में प्रवेश करते थे तब भास्कर जाधव आवाज निकालते थे.
भाजपा के चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि जो घटना सदन के बाहर हुई, उस पर विधानसभा में चर्चा क्यों हो रही है. पीठासीन अधिकारी ने कहा कि ऐसी घटनाएं पुन: न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए मंगलवार को सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक की जाएगी.
वहीं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मंगलवार को कहा कि राज्य के लोगों का प्रतिनिधित्व करनेवाले विधायकों को विधानसभा और विधान भवन परिसर में मर्यादा बनाए रखने तथा संसदीय प्रोटोकॉल का पालन करने की जरूरत है. वह विधानसभा में सदस्यों के लिए आचार संहिता पर बोल रहे थे. पवार ने कहा कि राज्य की 12 करोड़ आबादी का प्रतिनिधित्व करनेवाले विधानसभा सदस्यों को शिष्टाचार और संसदीय प्रोटोकॉल का पालन करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि समय बदल गया है क्योंकि कार्यवाही के सीधे प्रसारण से लोगों को यह पता चल जाता है कि उनके निर्वाचित प्रतिनिधि सदन में क्या कर रहे हैं. पवार ने कहा, 'हम जानवरों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं. दूसरों का मजाक बनाना और जानवरों की आवाज निकालना लोगों के विश्वास के साथ धोखा है.