ये क्या...खुद का मृत्यु प्रमाणपत्र बनवा दिया, फिर जो हुआ...

आरोपी एक संपन्न परिवार से आता है उसके पिता आईएएस अधिकारी थे.

Update: 2022-08-24 08:27 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

अलवर: राजस्थान के अलवर में खुद का मृत्यु प्रमाणपत्र ( Death Certificate) बनवाकर कोर्ट में पेश करने वाले फरार आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी को लोगों का उधार चुकाना था और किराए पर लिए मैरिज होम ( Marriage Home ) के मालिक का लाखों रुपए का किराया चुकाना था. युवक के जिंदा होने का खुलासा तब हुआ जब वो बाजार में स्कूटर चलाता पाया गया. कोर्ट में आरोपी का वीडियो भी पेश किया गया.

कोतवाली थाना प्रभारी राजेश शर्मा ने बताया कि, आरोपी नीरज शर्मा (56) निवासी ने साल 2017-18 में पुलिस लाइन मार्ग स्थित एक मैरिज होम किराए पर लिया था, जिसका 16 लाख रुपये किराया उसने गार्डन मालिक को नहीं दिया और साल 2019 में मैरिज गार्डन बंद कर दिया था. गार्डन मालिक नेहा यादव ने नीरज के खिलाफ किराए दिलाने जाने के लिए कोर्ट में वाद दायर किया था. निचली अदालत ने नीरज को बकाया चुकाने का आदेश दिया तो नीरज ने हाईकोर्ट में याचिका लगा दी.
लेकिन आरोपी ने बड़ी ही चालाकी से खुद का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर उसे कोर्ट में पेश कर दिया और मौके से फरार हो गया था. जिसके बाद कोतवाली थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया था. पुलिस ने यह भी बताया कि, पुलिस के पकड़ जाने के डर से पिछले दो साल से नीरज घर में छिपकर बैठा था और बाहर ही नहीं निकला था.
थाना प्रभारी ने यह भी कहा कि नीरज ने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाए थे. उसने दो बार फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र कैसे बनवाया इसकी भी जांच पड़ताल चल रही है. इस मामले में कुछ और लोगों की भी गिरफ्तारी हो सकती है.
कोरोना होने के कारण साल 2020 में नीरज के पिता की मृत्यु हो गई थी. इससे नीरज को 16 लाख रुपए बचाने का आइडिया आया और उसने फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवा लिया. नीरज ने अपने आधार कार्ड में एड्रेस चेंज कराया और नया पता बख्तल की चौकी करवा दिया. शहर के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित श्मशान घाट में जाकर मृतक पिता के नाम में करेक्शन करवाने के बहाने खुद का नाम लिखवाया और उसके बाद नगर परिषद से 10 मई 2020 को डेथ सर्टिफिकेट बनवा लिया. इसके बाद उसने घर से निकलना बंद कर दिया और 2 साल से घर में कैद होकर ही रह गया.
आरोपी ने घर से निकलना बंद कर दिया था तो मैरिज होम मालिक नेहा को लगा कि सच में नीरज की मौत हो गई है. लेकिन एक दिन नेहा यादव ने नीरज शर्मा को स्कूटर से कहीं जाते हुए देखा. तो तुरंत इसका वीडियो बना लिया और कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश किया. कोर्ट के आदेश पर मामले की जांच की गई तो पुलिस ने नीरज को गिरफ्तार किया.
लोगों का पैसा तो चुकाना ही था तो नीरज ने खुद का दूसरा डेथ सर्टिफिकेट बनावाया. इस बार एक करोड़ रुपए का इंश्योरेंस क्लेम पास करवाने के लिए फर्जी सर्टिफिकेट तैयार कराया. अक्टूबर 2020 में बनवाए गए डेथ सर्टिफिकेट में उसने अपना एड्रेस बख्तल की चौकी के पास अस्थाई निवास दिखाया और 21 अक्टूबर 2020 को आईसीआईसीआई और पंजाब नेशनल बैंक में 50-50 लाख के दो बीमा पॉलिसी लीं. पॉलिसी की पहली किस्त भी जमा कराई.
इसके बाद कोरोना से मृत्यु होने पर ट्रांसफर नगर शमशान में अंतिम संस्कार होना दिखाया और 21 नवंबर 2021 को नगर परिषद से डेथ सर्टिफिकेट बना कर एक करोड़ क्लेम कर दिया. जब बैंक का एजेंट फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए उसके घर पहुंचा तो नीरज के भाई ने उसकी पोल खोल दी. एजेंट को कहा कि उसका भाई जिंदा है तब मामले का खुलासा हुआ. नीरज के भाई ने पूरे मामले को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
आरोपी नीरज शर्मा एक संपन्न परिवार से आता है उसके पिता चंद्रशेखर शर्मा आईएएस अधिकारी थे. वहीं, नीरज के बड़े भाई कृष्ण कांत शर्मा आरपीएस अधिकारी हैं. खुद नीरज ने भी आरपीएस परीक्षा पास कर इंटरव्यू तक पहुंचा था लेकिन इंटरव्यू में असफल हो गया था.


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