पश्चिम बंगाल कोल माइनिंग घोटाला मामले के याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर होगी सुनवाई
पश्चिम बंगाल में कोयला खनन घोटाले (Coal Mining Scam) के मुख्य आरोपी अनूप माझी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आज फिर सुनवाई करने जा रहा है. इस याचिका में आरोपी कारोबारी अनूप ने राज्य सरकार की अनुमति के बिना कोयले के अवैध खनन और ढुलाई की CBI जांच पर सवाल उठाया है. वहीं, बंगाल सरकार ने आरोपी अनूप माझी का समर्थन किया है और CBI की तरफ से दर्ज FIR को रद्द करने की मांग की है.
1 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मामले के शिकायतकर्ता को भी पक्ष रखने की अनुमति दी थी, साथ ही CBI को भी याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा था. सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि राज्य सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे पर जवाबी हलफनामा दाखिल करना है, लिहाजा मामले की सुनवाई को टाल दिया जाए.
इस पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कि अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा था कि सीबीआई कब तक जवाब दाखिल कर देगी, जिस पर मेहता ने कहा था कि एक हफ्ते में जवाब दाखिल कर दिया जाएगा. सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने सुनवाई को 10 मार्च तक के लिए टाल दिया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच पर रोक नहीं लगाई है. कोर्ट ने CBI की ओर से दर्ज FIR में मुख्य आरोपी अनूप माझी को CBI के हाथों गिरफ्तारी या दंडात्मक कार्रवाई से बचाने का आदेश देने से भी इनकार कर दिया था.
क्या है मामला
दरअसल, CBI की ओर से दर्ज FIR के तहत राज्य में कोयले के अवैध खनन और उसकी ढुलाई में कई गड़बड़िया मिली हैं. इसमें ईस्टर्न कोलफील्ड, पूर्व रेलवे, CISF और माझी सहित कई लोगों, कंपनियों और संस्थानों की साठगांठ पाई गई है. सीबीआई ने इसकी जांच पड़ताल कर, पिछले साल नवंबर में FIR दर्ज की थी. इसी सिलसिले में सीबीआई, अनूप माझी से होती हुई ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा और उनकी बहन तक पहुंच गई.
इसीलिए राज्य सरकार कर रही आरोपी का समर्थन
CBI को अपनी जांच में इन सब के बैंक खाते में बड़ी और अघोषित रकम की जमा निकासी के दस्तावेज मिले हैं. राज्य में विधानसभा चुनाव (Bengal Assembly elections) भी सिर पर हैं और सत्तारूढ़ पार्टी TMC पर CBI जांच और छापों का दाग भी लग रहा है. इसीलिए पश्चिम बंगाल सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि CBI को तो राज्य के इस मामले की जांच का अधिकार ही नहीं है, क्योंकि राज्य सरकार ने इसके लिए अपनी मंजूरी दो साल पहले ही वापस ले ली थी, लेकिन CBI अब तक जांच कर रही है.
बड़ी तस्करी के तार भी जुड़े हैं TMC से
पिछले साल नवंबर में भारत-बांग्लादेश सीमा पर बड़े तस्करी (Smuggling) का भंडाफोड़ हुआ. इसमें तस्करी के कथित सरगना इनामुल हक की गिरफ्तारी हुई. तस्करी के तार यूथ तृणमूल कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी नेता विनय मिश्रा तक पहुंचे. 31 दिसंबर 2020 को कोलकाता में विनय मिश्रा के खिलाफ पशु तस्करी और अवैध कोयला खनन के मामले में तलाशी अभियान चलाया गया. विनय के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी हुआ. विनय मिश्रा फरार हो गया. विनय मिश्रा को अभिषेक बनर्जी के करीबी के तौर पर जाना जाता है.
BJP नेताओं का TMC पर है ये आरोप
CBI को शक है कि कोयला घोटाले से जुड़े कुछ संदिग्ध लेन-देन अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा और उनकी बहन के खाते से हो सकते हैं. कोयला घोटाले की जांच पिछले साल सितंबर में शुरू हुई. BJP नेताओं का आरोप है कि कोयला घोटाले से मिले पैसों को TMC के नेताओं ने शेल कंपनियों के जरिए व्हाइट मनी में बदला. इससे सबसे ज्यादा फायदा सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को हुआ. अभिषेक बनर्जी TMC की युवा विंग के अध्यक्ष हैं. विनय मिश्रा उसी युवा विंग के नेता हैं. विनय मिश्रा शुरू से ही कोयला घोटाले के आरोपी हैं.