Weather: बारिश से बढ़ी ठंड, किसानों के चेहरे पर आई मुस्कान

गोरखपुर : पश्चिम विक्षोभ की सक्रियता का असर रविवार को देखने को मिला। पूरे दिन बादल छाए रहने के साथ सुबह से लेकर शाम तक मौसम के अलग-अलग रंग देखने को मिले। सुबह हल्की धूप निकली तो दोपहर में शहर से लेकर देहात क्षेत्र में बारिश होने से किसानों के चेहरे पर मुस्कान छा गई। …

Update: 2024-02-05 02:38 GMT

गोरखपुर : पश्चिम विक्षोभ की सक्रियता का असर रविवार को देखने को मिला। पूरे दिन बादल छाए रहने के साथ सुबह से लेकर शाम तक मौसम के अलग-अलग रंग देखने को मिले। सुबह हल्की धूप निकली तो दोपहर में शहर से लेकर देहात क्षेत्र में बारिश होने से किसानों के चेहरे पर मुस्कान छा गई। वहीं शाम को ठंड और कुहासा का असर दिखा। अधिकत तापमान में भी करीब पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग ने सोमवार को भी दिन में बादल छाए रहने का अनुमान जताया है। इसके बाद मौसम शुष्क रहेगा।

फरवरी की शुरूआत के साथ ही मौसम ने करवट ली थी और तेज धूप ने ठंडक का असर कम कर दिया था। शुक्रवार और शनिवार को दिन में फुल स्वेटर व जैकेट में गर्मी का एहसान होने लगा था। लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम में फिर बदलाव देखा जा रहा है। इसका असर रविवार को गोरखपुर में देखने को मिला। सुबह कोहरा के बाद सुबह 9 बजे तक धूप खिली थी। लेकिन, दिन चढ़ने के साथ बादल छाने से लगे।

दोपहर 12 बजे पहले बूंदाबांदी और करीब पौने तीन बजे बारिश होने लगी। लगभग 15 मिनट तक हुई बारिश से तापमान में गिरावट आई। रविवार को अधिकतम तापमान 18.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जो सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस कम है। शनिवार को अधिकतम तापमान 24.2 डिग्री सेल्सियस था। वहीं न्यूनतम तापमान भी रविवार को 9.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि सोमवार को भी पश्चिमी विक्षोभ के चलते आंशिक बादल छाए रहेंगे। इस बीच ठंडी उत्तरी-पश्चिमी हवाओं के प्रभाव से आगामी 2-3 दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में गिरावट आने जबकि अधिकतम तापमान में बढ़ोत्तरी की संभावना है। इसके साथ ही सुबह के समय हल्का कोहरा छाए रहने की संभावना है।

बारिश से गेहूं, सरसों को मिलेगा लाभ
इस समय बारिश का पानी लगभग सभी फसलों के लिए फायदेमंद होगा। बेलीपार कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डाॅ. सतीश कुमार सिंह का कहना है कि इस समय बारिश से गन्ना, गेहूं, आलू, चना, सरसों, मटर, जौ, मूली आदि सभी रबी की फसलों के लिए लाभकारी रहेगा। सबसे ज्यादा फायदा देर से बोई गेहूं की फसल को मिलेगा। गेहूं की फसल के लिए नमी और तापमान में कमी जरूरी है।

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