नई दिल्ली: अगले दो दिन तमिलनाडु के कई इलाकों में बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने मंगलवार को भारी बारिश को लेकर तूतीकोरिन, रामनाथ पुरम, विरुधुननगर जिलों का नाम लिया है। यह जानकारी आइएमडी के डायरेक्टर जनरल एस बालचंद्रन ने सोमवार को दी। वहीं पश्चिमी विक्षोभ के कारण पिछले दिनों हुई हल्की बारिश और ओलावृष्टि ने राजस्थान में तापमान कम कर दिया है और अब आने वाले दिनों में भी दिन और रात के तापमान में गिरावट दर्ज होने की संभावना है। इस दौरान प्रदेश में करीब 2 से 4 डिग्री तक तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है।
केरल में आरेंज अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने केरल के चार जिलों में 26 अक्टूबर के लिए आरेंज अलर्ट भी जारी किया है। चार जिले कोल्लम, पथनमथिट्टा, कोट्टायम और इडुक्की में ये अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार तमिलनाडु और पुडुचेरी के विभिन्न् हिस्सों में 29 अक्टूबर तक भारी बारिश की संभावना है। वहीं केरल और कर्नाटक में आज और कल यानि 27 अक्टूबर को बारिश की संभावना है। साथ ही आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में 28 और 29 अक्टूबर को बारिश होगी।
दक्षिण पश्चिम मानसून की हुई विदाई
उल्लेखनीय है कि दक्षिण-पश्चिमी मानसून इस बार देर तक रुकने के बाद सोमवार को देश के सभी हिस्सों से वापस चला गया। 1975 के बाद मानसून की यह सातवीं बार सर्वाधिक विलंब से हुई विदाई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने एक बयान में कहा कि देश के ज्यादातर हिस्सों में वर्षा संबंधी गतिविधि में उल्लेखनीय कमी के साथ ही दक्षिण-पश्चिमी मानसून आज (25 अक्टूबर, 2021) देश से चला गया। इसके साथ ही निचले क्षोभमंडल स्तरों में उत्तर-पूर्वी हवाओं के चलते दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में आज पूर्वोत्तर मानसून की बारिश शुरू हो गई। इसने कहा, 'दक्षिण-पश्चिमी मानसून की इस साल देश से विदाई 1975-2021 के दौरान (25 अक्टूबर को या उसके बाद) सातवीं बार सर्वाधिक विलंब से हुई है।'
दक्षिण-पश्चिमी मानसून की छह अक्टूबर को पश्चिमी राजस्थान और उससे सटे गुजरात से रवानगी शुरू हो गई थी, जो 1975 के बाद से दूसरी बार सबसे अधिक देरी से हुई विदायी थी। उत्तर पश्चिमी भारत से दक्षिण-पश्चिमी मानसून आमतौर पर 17 सितंबर से विदा होना शुरू करता है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 28 सितंबर, 2019 में नौ अक्टूबर, 2018 में 29 सितंबर, 2017 में 27 सितंबर और 2016 में 15 सितंबर को मानसून की रवानगी शुरू हुई थी। जून से सितंबर तक चार महीने के दक्षिण-पश्चिमी मानसून के दौरान देश में सामान्य वर्षा हुई। एक जून से 30 सितंबर के बीच पूरे देश में 87 सेमी बारिश हुई, जबकि दीर्घावधि औसत 88 सेमी की है। यह लगातार तीसरा साल है, जब देश में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है। 2019 और 2020 में भी वर्षा सामान्य से अधिक रही।