बजरंग दल को हम बैन करेंगे, कर्नाटक कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र में कहा

Update: 2023-05-02 11:43 GMT

बेंगलुरु (आईएएनएस)| कर्नाटक में सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही कांग्रेस ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में अपना घोषणापत्र जारी किया और नफरत फैलाने वाले संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने का वादा किया। भाजपा द्वारा अपने घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) का वादा करने के एक दिन बाद, कांग्रेस ने नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों, संगठनों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया। पार्टी द्वारा किए गए कई वादों से विवाद खड़ा होने की संभावना है।

घोषणापत्र में कहा गया, हम मानते हैं कि कानून और संविधान पवित्र हैं और बजरंग दल, पीएफआई जैसे व्यक्तियों और संगठनों द्वारा या बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक समुदायों के बीच शत्रुता या घृणा को बढ़ावा देने वाले अन्य लोगों द्वारा इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता। हम ऐसे किसी भी संगठन पर प्रतिबंध लगाने सहित कानून के अनुसार निर्णायक कार्रवाई करेंगे।

एक प्रमुख कदम में, पार्टी ने एससी/एसटी/ओबीसी/अल्पसंख्यक/और लिंगायत और वोक्कालिगा जैसे अन्य समुदायों की आशाओं और आकांक्षाओं को समायोजित करने के लिए अधिकतम सीमा और आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का वादा किया है। पार्टी ने अल्पसंख्यक कल्याण मुस्लिम, ईसाई, जैन, बौद्ध और अन्य के लिए 10,000 करोड़ रुपये के फंड आवंटित करने का भी वादा किया है।

यह सत्ता में आने के एक साल के भीतर भाजपा सरकार द्वारा पारित सभी अन्यायपूर्ण कानूनों और अन्य जनविरोधी कानूनों को रद्द करने का भी वादा करता है। घोषणापत्र में कहा गया है कि सरकार एनईपी को खारिज कर देगी और राज्य शिक्षा नीति बनाएगी।

घोषणापत्र ने कश्मीरी पंडितों की सहायता के लिए एक कार्यक्रम, कश्मीरी संस्कृति को शुरू करने के लिए 15 करोड़ रुपये आवंटित करने, 25 करोड़ रुपये का एकमुश्त अनुदान और कन्नड़ और संस्कृति विभाग से 1 करोड़ रुपये का वार्षिक अनुदान देने की घोषणा की गई।

इसमें कहा गया है, भाजपा ने कर्नाटक की महान आत्माओं का अपमान कर पाठ्यपुस्तकों को विकृत किया है। छात्रों को विकसित और पूर्ण बनाने के लिए कांग्रेस पाठ्यपुस्तकों में भारत और कर्नाटक के सच्चे मूल्यों और वैज्ञानिक सोच को पुर्नस्थापित करेगी। पार्टी ने डॉक्टरों, क्लीनिकों, नसिर्ंग होम को डीफिब्रिलेटर (एईडी) खरीदने के लिए सब्सिडी देने के लिए पुनीत राजकुमार हृदय स्वास्थ्य योजना शुरू करने का वादा किया।

घोषणापत्र में अगले पांच वर्षों (2023-2028) में सिंचाई के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है। इसमें 9,000 करोड़ रुपये की लागत से मेकेदातु परियोजना और 3,000 करोड़ रुपये की लागत से महादयी जैसी नई परियोजनाओं को शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। महादयी परियोजना के लिए पहली कैबिनेट बैठक में 500 करोड़ रुपये आवंटित करने का वादा किया गया है।

यह कर्नाटक में पांच साल की अवधि में सभी महत्वपूर्ण नदियों की सफाई के लिए 1,000 करोड़ रुपये प्रदान करने की भी बात करता है। कांग्रेस ने सत्ता संभालने के दो साल के भीतर येतिनाहोल परियोजना को पूरा करने का आश्वासन दिया। इसमें 20 से अधिक कर्मचारियों वाले होटलों को उद्योग का दर्जा देने और छोटे स्वरोजगार वाले होटेल, बेकरी और मिठाई स्टॉल क्षेत्रों के लिए छह प्रतिशत ब्याज के साथ 10 लाख रुपये तक की ऋण सुविधा देने का प्रस्ताव है।

घोषणापत्र में सभी मलिन बस्तियों को नियमित करने और उन्हें टाइटल डीड प्रदान करने और झुग्गियों का नाम बदलकर श्रमिका वसाथी समुच्चय करने का प्रस्ताव है। यह वनवासियों की समस्याओं को हल करने के लिए वन अधिनियम में संशोधन लाने का आश्वासन देता है। वहीं अन्य मुख्य प्रस्तावों में बेहतर नस्ल की गाय/भैंस खरीदने के लिए डेयरी किसानों को शून्य ब्याज पर 3 लाख रुपये तक का ऋण देना; सभी डेयरी किसानों के लिए प्रति लीटर दूध सब्सिडी को 5 रुपये से बढ़ाकर 7 रुपये करना; 3 रुपये प्रति किलो की दर से गाय का गोबर खरीदना और ग्रामीण महिलाओं/युवाओं को शामिल कर गांवों में खाद केंद्र स्थापित करना शामिल हैं।

दुर्भाग्य से, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने पीएम के रूप में नफरत, कट्टरता, झूठे-नारेबाजी और बेलगाम भ्रष्टाचार की राजनीति की है। सरकार की विफलता को छिपाने के लिए, बीजेपी सबसे खराब और अनैतिक प्रथाओं में लिप्त है। भारत के इतिहास में ऐसा प्रोपेगैंडा कभी नहीं देखा गया।

हमारा मिशन ब्रांड कर्नाटक का निर्माण करना है और राज्य को देश में नंबर एक स्थान पर लाना है। 'सर्वजनंगदा शांतिय तोता' यह कांग्रेस पार्टी की प्रतिबद्धता है और यही उद्देश्य और आकांक्षा है।

घोषणापत्र में पांच गारंटी योजनाओं, सभी घरों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली, परिवार की प्रत्येक महिला मुखिया को 2,000 रुपये प्रति माह, बीपीएल परिवार में प्रत्येक व्यक्ति को 10 किलो चावल, बेरोजगार डिप्लोमा धारकों को दो साल के लिए 3,000 रुपये प्रति माह और नियमित केएसआरटीसी/बीएमटीसी बसों में पूरे राज्य में सभी महिलाओं को मुफ्त यात्रा आदि शामिल है।

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