डब्ल्यूबीएसएससी घोटाला: सीबीआई के कुछ अधिकारियों के कामकाज से जस्टिस गंगोपाध्याय नाखुश

Update: 2022-11-07 10:19 GMT
कोलकाता (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) घोटाले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने मामले की जांच कर रही सीबीआई द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के अधिकारियों से नाखुशी जताई है। न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने यह भी कहा कि यदि आवश्यक हो तो त्वरित जांच के लिए एसआईटी के कुछ सदस्यों को बदलना होगा। हालांकि न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने एसआईटी के उन सदस्यों के नाम नहीं बताए, जिनके काम से वह नाखुश हैं।
इस मामले में एसआईटी का नेतृत्व अधीक्षक रैंक के अधिकारी धर्मवीर सिंह कर रहे हैं। इसमें दो उप-अधीक्षक सत्येंद्र सिंह और के.सी. रिशिनामुल भी शामिल हैं। एसआईटी के अन्य तीन सदस्य इमरान आशिक, सोमनाथ विश्वास और मलय दास हैं। तीनों निरीक्षक रैंक के हैं।
गौरतलब है कि इस साल 17 जून को न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने सीबीआई को डब्ल्यूबीएसएससी घोटाले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल गठित करने का आदेश दिया था। उन्होंने यह भी आदेश दिया कि एसआईटी कलकत्ता उच्च न्यायालय की निगरानी में काम करेगी और एसआईटी के किसी भी सदस्य को अदालत की अनुमति के बिना मामले में जांच प्रक्रिया समाप्त होने से पहले स्थानांतरित नहीं किया जाएगा।
हाल ही में न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने अदालत में कहा था कि कई बार उन्हें आश्चर्य होता है कि क्या शिक्षक भर्ती घोटाले का असली मास्टरमाइंड उनके जीवनकाल में ही पकड़ लिया जाएगा। उसके बाद सोमवार को एसआईटी के कुछ सदस्यों के कामकाज को लेकर उनकी टिप्पणी ने और हलचल मचा दी है।
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