नई दिल्ली। पुताई ठेकेदार प्रेम शंकर महतो की मौत के मामले में आरोपी दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज करने के बाद वेवसिटी थाने के एसओ को सस्पेंड किया गया है। पूरे प्रकरण में वेवसिटी थानाध्यक्ष मनोज कुमार की लापरवाही सामने आने के बाद डीसीपी जोन ग्रामीण ने उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। आरोप है कि प्रेम शंकर महतो ने 6 जनवरी को वेवसिटी थाने में आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत की थी। इसके बावजूद थानाध्यक्ष ने उसकी शिकायत पर न तो कोई कार्रवाई की और न ही पीडि़त प्रेम शंकर की मेडिकल जांच कराई।
मूलरूप से सीतामढ़ी बिहार के रहने वाले 55 वर्षीय प्रेम शंकर महतो लालकुआं चौकी क्षेत्र की मानसरोवर पार्क कॉलोनी में अपनी दूसरी पत्नी व दो बच्चों के साथ रहते थे। प्रेम शंकर ने दो शादी की थी। पहली पत्नी अपने सात बच्चों के साथ नंदग्राम में रहती हैं, जबकि प्रेम शंकर दूसरी पत्नी और उसके दो बच्चों के साथ मानसरोवर पार्क कॉलोनी में रहते थे। प्रेम शंकर रंगाई पुताई के ठेकेदार थे। बेटे कृष्णा ने बताया था कि उनके पिता ने बीते साल पड़ोस में रहने वाले पुलिसकर्मी प्रेमपाल और नितिन के घर पुताई का काम किया था। जिसके चलते प्रेमपाल पर 20 हजार रुपए और नितिन पर उनके 15 हजार रुपए बकाया थे। उनके पिता 5 जनवरी को प्रेमपाल और नितिन नामक पुलिसकर्मियों से अपने बकाया पैसे मांगने गए थे।
आरोप है कि दोनों पुलिसकर्मियों ने उन्हें पैसे देने के बजाए बुरी तरह से पीटा और दोबारा न आने की धमकी दी। जब 6 जनवरी को इसकी शिकायत पुलिस से की गई थी तो पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। लेकिन प्रेम शंकर द्वारा पुलिस से की गई शिकायत की जानकारी होने पर दोनों पुलिसकर्मियों ने उन्हें दोबारा से पीटा। बाद में दिमागी नस फटने से 1 मार्च को प्रेम शंकर महतो की मौत हो गई। परिजनों ने आरोपी पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। डीसीपी जोन ग्रामीण रवि कुमार का कहना है कि पूरे मामले में वेवसिटी थानाध्यक्ष मनोज कुमार की लापरवाही सामने आई। जिसके चलते उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। फिलहाल थाने पर किसी नए प्रभारी की नियुक्ति नहीं की गई है।