VVIP इलाकों में भी जलसंकट, हैं कई सांसदों, केंद्रीय मंत्रियों और वरिष्ठ नौकरशाहों के आवास भी

पानी की आपूर्ति 40 प्रतिशत तक कम.

Update: 2024-06-17 13:09 GMT
नई दिल्ली: Delhi दिल्ली में जल संकट लगातार बरकरार है। हालात ऐसे हैं कि दिल्ली के वीवीआईपी इलाकों तक भी जलसंकट पहुंच चुका है। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के मुताबिक दिल्ली जल बोर्ड से पानी की आपूर्ति में कमी के कारण बंगाली मार्केट, अशोक रोड, हरिचंद माथुर लेन, कॉपरनिकस मार्ग, पुराना किला रोड, बाबर रोड, बाराखंभा, केजी मार्ग, विंडसर प्लेस, फिरोजशाह मार्ग, कैनिंग लेन और आसपास के क्षेत्र प्रभावित
होंगे।
इन स्थानों में कई सांसदों, केंद्रीय मंत्रियों और वरिष्ठ नौकरशाहों के आवास भी हैं। एक तरफ जहां गीता कॉलोनी, गांधीनगर सीलमपुर, उत्तम नगर, खानपुर और बुराड़ी जैसे इलाकों में पानी की आपूर्ति में बाधा आ रही थी। अब, एनडीएमसी क्षेत्र के तिलक मार्ग और बंगाली मार्केट तक जलसंकट पहुंचता दिखाई दे रहा है।
एनडीएमसी के मुताबिक अंडरग्राउंड जलाशय में दिल्ली जल बोर्ड से पानी की आपूर्ति लगभग 40 प्रतिशत कम हो रही है। दिल्ली में रोजाना 70 मिलियन गैलन्स पर डे (एमजीडी) तक पेयजल का उत्पादन हो रहा है। दिल्ली सरकार के मुताबिक पीछे से हो रही पानी की कमी के चलते ही उत्पादन में कमी आई है। जानकारी के मुताबिक, एनडीएमसी क्षेत्र में तिलक मार्ग और बंगाली मार्केट स्थित भूमिगत जलाशय (यूजीआर) में दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) से पानी की आपूर्ति लगभग 40 प्रतिशत कम हो रही है। डीजेबी ने सूचित किया है कि पानी की अनुपलब्धता के कारण वजीराबाद जल संयंत्र से पीने योग्य पानी का उत्पादन पूरी क्षमता से नहीं हो पा रहा है, इसलिए तिलक मार्ग यूजीआर और बंगाली मार्केट यूजीआर के कमांड क्षेत्र में पानी की आपूर्ति दिन में एक बार, संभवतः सुबह के समय ही उपलब्ध कराई जा रही है।
एनडीएमसी ने पानी की कमी को देखते हुए टैंकरों के लिए जल आपूर्ति के नियंत्रण कक्ष में फोन नंबर: 011 -2336 0683, 011 -2374 3642 जारी करते हुए लोगों से पानी की कमी होने पर संपर्क करने के लिए कहा है।
पानी की कमी पर एनडीएमसी ने वीवीआईपी इलाकों में रहने वालों से भी अपील की है कि पानी बचाने और पानी का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग किया जाए, क्योंकि जल जीवन के लिए जरूरी है, लेकिन पालिका परिषद के पास सीमित मात्रा में पानी है। कार धोने के लिए पीने के पानी का उपयोग न करें। भूजल को रिचार्ज करने की हरसंभव कोशिश की जाए। बगीचे या वृक्षारोपण में सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों को अपनाया जाए। किसी भी कीमत पर जलस्रोतों को प्रदूषित नहीं करें।
एनडीएमसी ने बताया है कि जल संरक्षण केवल आवश्यक मात्रा में पानी का उपयोग करके, हर रिसाव को ठीक करके, पानी की बर्बादी को रोककर, पानी का कुशलतापूर्वक उपयोग करने का एक तरीका है।
Tags:    

Similar News

-->