किसानों का कहना है कि हम बारिश के बिना धान की रोपाई के बारे में सोच भी नहीं सके. अन्य फसलों को ही गर्मी से बचाने के लिए पानी पर्याप्त नहीं है. अगर हम पानी का इस्तेमाल धान की रोपाई में कर देंगे तो मक्का और गन्ना की फसल प्रभावित हो जाएगी. सरकार का कहना है कि हमने धान की रोपाई के लिए कृषि फीडरों में बिजली की आपूर्ति दिन में 7 घंटे तक बढ़ा दी है. हालांकि किसानों का कहना है कि धान की रोपाई के लिए खेतों में पानी भरने के लिए यह पर्याप्त नहीं है.
करनाल जिले के इंद्री के एक किसान अजय कुमार ने कहा कि मेरी नर्सरी तैयार है, लेकिन मैं 15 जून से रोपाई शुरू नहीं कर सकता. उनका कहना था कि धान की रोपाई और गन्ने की फसल को बचाने के लिए पर्याप्त पानी नहीं है. ट्यूबवेल का पानी एक दिन में एक एकड़ में पानी भरने के लिए भी पर्याप्त नहीं है. करनाल के घरौंदा के एक किसान संदीप कुमार ने कहा कि हमारे पास दो नलकूप हैं, लेकिन हम बारिश के बिना अपने 15 एकड़ खेत में धान की रोपाई नहीं कर सकते. चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक मौसम शुष्क रहेगा और राज्य के कुछ हिस्सों में 16 जून से 20 जून तक प्री-मॉनसून बारिश हो सकती है.