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Update: 2022-06-15 12:32 GMT
हरियाणा। हरियाणा में बुधवार से खरीफ सीजन (Kharif Season) की प्रमुख फसल धान की रोपाई शुरू हो गई है. लगातार पड़ रही गर्मी और मॉनसून (Monsoon) में देरी के किसानों की परेशानी बढ़ गई है. वहीं कृषि फीडरों को अपर्याप्त बिजली आपूर्ति के कारण धान की खेती (Paddy Farming) में किसानों की लागत बढ़ती जा रही है. बिजली आपूर्ति में कमी, गर्मी और बारिश में देरी के कारण खेतों में पानी के लिए किसान डीजल का उपयोग कर रहे हैं और इससे उनकी लागत काफी बढ़ गई है. राज्य सरकार ने धान की सीधी बीजाई के लिए 4000 रुपए के नकद प्रोत्साहन राशि की घोषणा की है. सरकार का कहना है कि इसमें पारंपरिक विधि के मुकाबले 70 प्रतिशत कम पानी और 30 प्रतिशत कम लागत की आवश्यकता होती है. हालांकि ज्यादातर किसान इसके पक्ष में नहीं हैं और वे अपने खेतों को रोपाई के लिए तैयार करने के लिए बारिश का इंतजार कर रहे हैं.

किसानों का कहना है कि हम बारिश के बिना धान की रोपाई के बारे में सोच भी नहीं सके. अन्य फसलों को ही गर्मी से बचाने के लिए पानी पर्याप्त नहीं है. अगर हम पानी का इस्तेमाल धान की रोपाई में कर देंगे तो मक्का और गन्ना की फसल प्रभावित हो जाएगी. सरकार का कहना है कि हमने धान की रोपाई के लिए कृषि फीडरों में बिजली की आपूर्ति दिन में 7 घंटे तक बढ़ा दी है. हालांकि किसानों का कहना है कि धान की रोपाई के लिए खेतों में पानी भरने के लिए यह पर्याप्त नहीं है.

करनाल जिले के इंद्री के एक किसान अजय कुमार ने कहा कि मेरी नर्सरी तैयार है, लेकिन मैं 15 जून से रोपाई शुरू नहीं कर सकता. उनका कहना था कि धान की रोपाई और गन्ने की फसल को बचाने के लिए पर्याप्त पानी नहीं है. ट्यूबवेल का पानी एक दिन में एक एकड़ में पानी भरने के लिए भी पर्याप्त नहीं है. करनाल के घरौंदा के एक किसान संदीप कुमार ने कहा कि हमारे पास दो नलकूप हैं, लेकिन हम बारिश के बिना अपने 15 एकड़ खेत में धान की रोपाई नहीं कर सकते. चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक मौसम शुष्क रहेगा और राज्य के कुछ हिस्सों में 16 जून से 20 जून तक प्री-मॉनसून बारिश हो सकती है.

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