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Update: 2022-05-12 12:31 GMT

मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) की आर्थिक राजधानी मुंबई में जुहू स्थित बंगले में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) अधिसूचना के उल्लंघन के लिए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) को परेशानी का सामना करना पड़ेगा. दरअसल, महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (MCZMA) ने 4 मई को शिकायतों पर बातचीत की. इसके बाद उसको वेबसाइट पर डाल दिया गया. जिलाधिकारी अब राणे को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगेंगे. बता दें कि इससे पहले राणे के बंगले में अवैध निर्माण और सीआरजेड के उल्लंघन की शिकायत बीएमसी में की गई थी. जिसके बाद बीएमसी की टीम ने बंगले में जाकर नाप किया था.

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वहीं, महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण ने नोट किया कि केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय ने बंगले के निर्माण के लिए 11 जून, 2007 को सीआरजेड मंजूरी दी थी. लेकिन एक शर्त यह थी कि निर्माण एफएसआई 1.0 के साथ किया जाना था. हालांकि, इस साल एमसीजेडएमए को अपनी रिपोर्ट में, बीएमसी ने कहा कि अगर अवैध निर्माण को ध्यान में रखा जाता है, तो संपूर्ण एफएसआई इस्तेमाल 2.125 हो जाता है. इस दौरान MCZMA ने 2007 की मंत्रालय की मंजूरी की प्रति के साथ बीएमसी रिपोर्ट और पत्राचार को आगे की कार्रवाई के लिए जिला तटीय क्षेत्र निगरानी समिति ने फैसला लिया है. जिलाधिकारी अब राणे को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगेंगे.

बता दें कि जुहू में स्थित बंगले में अवैध निर्माण की पुष्टि होने के बाद बीएमसी ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) को एक और नोटिस भेजा था. इसमें कहा गया है कि बीते 15 दिनों में बंगले में हुए अवैध परिवर्तन को हटा लिया जाए.अन्यथा बीएमसी (BMC) स्वयं अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई करेगी. हालांकि,उससे पहले राणे के बंगले में अवैध निर्माण और सीआरजेड(CRZ) के उल्लंघन की शिकायत बीएमसी में की गई थी.जिसके बाद बीएमसी की टीम ने बंगले में जाकर नाप किया था.

गौरतलब है कि नारायण राणे को अवैध निर्माण के मामले में बीएमसी का यह तीसरा नोटिस है. वहीं राणे ने भेजे जवाब में आरोप लगाया है कि बीएमसी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackrey) के इशारे पर बदले की कार्रवाई कर रही है. इस दौरान राणे ने बीएमसी को भेजे पत्र में कहा है कि मैंने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत और दिशा सालियान मामले को उठाया था. हालांकि, इससे उद्धव ठाकरे सरकार की प्रतिष्ठा पर असर पड़ा. इन्हीं मामलों का बदला लेने के लिए शिवसेना बीएमसी के जरिए उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है.


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