एक तरफ जहां पेड़ों की कटाई कर सीमेंट के जंगल बनते जा रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ चित्रकूट (Chitrakoot) में एक वृद्ध पेड़ों की परवरिश अपनी औलाद की तरह कर रहे हैं लाड-प्यार के बीच पेड़ों को पाला जा रहा है. विश्व के बिगड़ते पर्यावरण (Environment) की चिंता तो सभी को है, मगर उसे बचाने की पहल सही मायनों में चित्रकूट के भैयाराम यादव कर रहे हैं. आइए हम आपको इनसे मिलाते हैं. इन्हें वास्तव में प्रकृति की चिंता है और उसे बचाने के लिए जो प्रयास किया है वो वास्तव में विश्व के लिए एक मिसाल है. ये इंसान न तो कोई पर्यावरणविद है और न ही कोई समाजसेवी. बल्कि ये चित्रकूट के भरतकूप थाना अंतर्गत छोटे से भारतपुर गांव के एक साधारण से ग्रामीण भैयाराम यादव है. जिन्होंने अपना सबकुछ खोकर भी प्रकृति से ऐसा रिश्ता जोड़ा कि पेड़ लगाना इनका जूनून बन गया.
भैयाराम ने इतने पौधे लगा दिए कि एक पूरा वन क्षेत्र ही तैयार हो गया. जिसे भरतवन के नाम से जाना जाता है. ये चित्रकूट के पहरा वन ब्लाक में है. इस वन में भैयाराम ने 40 हजार पौधे लगाए थे, जो आज विशाल पेड़ बन गए हैं. भैया राम यादव का कहना है कि वृक्षों की परवरिश वह अपनी औलाद के खत्म होने के बाद से नियमित कर रहे हैं. परिवार के खत्म होने के बाद ये 40 हजार वृक्ष ही उनका परिवार है. जिन वृक्षों को वह अपनी औलाद की तरह पाल-पोसकर बड़ा कर रहे हैं.
साल 2019 में प्रियंका गांधी वाड्रा को जब इस वृक्ष पुरूष की जानकारी मिली तो उन्होंने तत्काल एक हैंडपंप देने का ट्वीट करते हुए चित्रकूट के इस वृक्ष पुरूष पर गर्व किया. भैया राम यादव के बारे में जानकारी होने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि चित्रकूट में सूखी उबड़ खाबड़ जमीन पर 40 हजार वृक्षों का जंगल खड़ा करने वाले "वृक्ष पुरुष" भैयाराम यादव ने ये साबित कर दिया कि जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है. उम्मीद है आपकी संतानों की प्यास बुझाने के लिए एक हैंडपंप जल्द लगेगा. प्रियंका गांधी के इस ट्वीट ने मीडिया में तो खलबली मचा ही दी थी. वहीं वन विभाग भी भैया राम से संपर्क कर हर संभव मदद के लिए धरातल में उतर पड़ा था और सरकारी कोरमो को पूरा करते-करते प्रियंका गांधी का भैया राम यादव को उपहार स्वरूप कागजों में मिला हैंडपंप हकीकत में वृक्षपुरुष के 40 हजार औलादस्वरूप वृक्षों की प्यास बुझा रहा है.