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Update: 2022-03-27 12:33 GMT

दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि देश में खेती उन्नत होगी तो हम हर क्षेत्र में प्रगति कर सकते हैं. यह तभी संभव होगा जब किसान भाई-बहन कम खाद (Fertilizer) एवं कम पानी में तथा आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके खेती करें. ऐसा करने से खेती में लाभ मिलेगा. तोमर ने यह बात अपने संसदीय क्षेत्र के मुरैना जिले की अंबाह तहसील स्थित वेयर हाउस परिसर में कृषि उपजों (Agri Produce) के वैज्ञानिक भंडारण विषय पर आयोजित परिचर्चा में कही. उन्होंने कहा कि हर देश की अपनी एक प्रधानता होती है लेकिन भारत दो प्रधानताओं वाला देश है. हम कृषि प्रधान व धर्म प्रधान देश हैं. यहां धर्म प्रधानता से आशय अपनी जिम्मेदारी से है. हम अपने परिवार, समाज व देश में अपनी-अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं क्योंकि यह हमारा धर्म है. वहीं, कृषि (Agriculture) की प्रधानता के कारण कृषि हमारे देश की रीढ़ के समान है. इसे हमें मजबूत करना है.

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तोमर ने कहा कि हमारे देश ने अनेक क्षेत्रों में प्रगति की है, समय की जरूरत है कि हम खेती क्षेत्र में भी प्रगति करें. क्योंकि जिस प्रकार हमारी रीढ़ की हड्डी कमजोर होगी तो हम न तो अच्छा खा सकते हैं और न ही अच्छा व्यवसाय कर सकते हैं, इसी तरह देश की रीढ़ की मजबूती के लिए जरूरी है कि हम अपनी खेती को कमजोर न होने दें. यह तभी संभव होगा, जब हम खेती में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करें और अपने उत्पादन को बढ़ाएं. नई चीजों को अपनाने से परहेज न करें.

केंद्र सरकार खेती-किसानी में बड़ा परिवर्तन करने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है. इसलिए न सिर्फ किसानों को डायरेक्ट आर्थिक मदद दी जा रही है बल्कि कृषि यंत्रों पर सब्सिडी एवं विभिन्न योजनाओं के जरिए भी उन्हें साध रही है. सरकार ऐसी तकनीक को प्रमोट कर रही है कि खेती में कम पानी और कम खाद की जरूरत हो. लेकिन यह मिशन तब कामयाब होगा जब किसान इसे अपनाएंगे. ड्रिप इरीगेशन (Drip Irrigation) और पॉलीहाउस जैसे प्रोजेक्ट पर सब्सिडी दी जा रही है. इससे कम लागत में किसान अधिक मुनाफा कमा सकता है. जबकि स्वायल हेल्थ कार्ड के जरिए अपने खेत के पोषक तत्वों के बारे में जानकार किसान कम खाद में ही काम चला सकते हैं.

अब क्लाइमेट स्मार्ट खेती की बात हो रही है. जलवायु परिवर्तन के कारण फसलों को नुकसान हो रहा है. इसलिए कम समय में तैयार होने वाली किस्में निकाली जा रही हैं. ऐसी किस्मों का विकास हो रहा है जिनमें रोग कम लगें. साल 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को 35 ऐसी नई फसलों की वैरायटी का तोहफा दिया था जो पोषण तत्वों से भरपूर और रोगरोधी हैं. इसमें जलवायु अनुकूल धान, सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए चने, अरहर और सोयाबीन जैसी किस्में शामिल थीं. इन्हें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने तैयार किया था. किसान जलवायु अनुकूल किस्मों की बुवाई करेंगे तब उन्हें फायदा मिलेगा.

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