एमपी। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते दुनियाभर में भारतीय गेहूं (Indian Wheat) के व्यापार के नए अवसर बने हैं. जिसमें सूडान और थाईलैंड भारतीय गेहूं के नए ग्राहक बन कर उभरे हैं. वहीं इस बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने भी प्रदेश के गेहूं को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने का फैसला लिया है. जिसके तहत मध्य प्रदेश के गेहूं (Madhya Pradesh Wheat) का दुनिया भर में निर्यात (Export) करने के लिए उन्होंने कई अहम फैसले लिए हैं. वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने Export होने वाले गेहूं का सीधा फायदा किसानों को पहुंचाने के लिए ऐसे गेहूं को मंडी टैक्स से मुक्त रखने का फैसला भी लिया है.
मध्य प्रदेश के गेहूं को विदेशों तक पहुंचाने के लिए गुरुवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंंह चौहान ने दिल्ली में गेहूं निर्यातकों के साथ एक बैठक की. इसके बाद उन्होंने मध्य प्रदेश के गेहूं निर्यात को लेकर कई अहम फैसले लिए. बैठक के बाद उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में गेंहू का भंडार प्रदेश की ताकत है, इसे पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारे गेहूं को लेकर कंपनियां कहती हैं कि इसके दाने सोने जैसे हैं. अब हमने तय किया है कि मध्यप्रदेश के गेहूं को अब पूरे विश्व में निर्यात किया जाएगा.
विदेशों में मध्य प्रदेश के गेहूं के निर्यात को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई अहम फैसले लिए हैं. उन्होंने निर्यातकों के साथ बैठक के बाद घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को हर सुविधा उपलब्ध कराएंगी. वहीं उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक लाइसेंस से कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से भी गेंहू खरीद सकेगा. साथ ही उन्हाेंने कहा कि मंडी में ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया उपलब्ध है. वहींं निर्यातक किसी स्थानीय व्यक्ति से पंजीयन करवा कर गेंहू खरीद सकेंगे.