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Update: 2022-06-13 10:32 GMT

दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड (National Herald Case) से जुड़े कथित धनशोधन मामले में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए. एजेंसी के तीन अधिकारियों ने पहले चरण में उनसे तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ईडी के अधिकारियों ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से विदेश में बैंक खातों और जायदाद की जानकारी ली है. हालांकि वह सही से जवाब नहीं दे पाए हैं. एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) की आपराधिक धाराओं के तहत राहुल गांधी के बयान दर्ज किए हैं. इस बीच ईडी के दफ्तर के बाहर कांग्रेस का हाईवोल्टेज ड्रामा देखा गया.

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राहुल गांधी का काफिला जिस समय ईडी हेडक्वॉर्टर पहुंचा तो गाड़ी में उनके बगल में प्रियंका गांधी भी बैठी हुईं थीं. इसके अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे और राहुल गांधी के प्रति अपना समर्थन जताया.

कांग्रेस ने राहुल गांधी की पेशी के मद्देनजर देशभर में ईडी कार्यालयों के बाहर सत्याग्रह का फैसला किया था और दिल्ली में भी बड़े पैमाने पर शक्ति प्रदर्शन की तैयारी कर रखी थी. इसी के मद्देनजर दिल्ली में बड़े स्तर पर मार्च निकाला गया और पुलिस ने कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया और पार्टी मुख्यालय के आसपास धारा 144 लगा दी.

कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन पर दिल्ली के स्पेशल CP सागर हुड्डा ने कहा, 'कांग्रेस नेताओं ने हमें एक मीटिंग के बाद पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि 200 कांग्रेस नेताओं सहित वरिष्ठ नेताओं को कांग्रेस मुख्यालय जाने की इजाजत दें. साथ ही 1000 कांग्रेस समर्थक को भी जाने की इजाजत दें. हमने कहा कि आप बड़े तौर पर प्रदर्शन करना चाहते हैं तो जंतर-मंतर आ सकते हैं. हमने 100 लोगों को वहां जाने की अनुमति दी. इसके अलावा बिना इजाजत के वहां पहुंचने वालों को हिरासत में लिया गया. ट्राफिक गाइडलाइन भी जारी कर दी गई थी.'

समाचार एजेंसी से एएनआई से बात करते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'राहुल गांधी के साथ कांग्रेस की छवि धूमिल करने के लिए ये साजिश हो रही है लेकिन राहुल गांधी डरने वाले नहीं हैं. वो निडर होकर सभी सवालों के जबाव देंगे. जब राहुल गांधी दफ्तर में गए तो हमारी मांग थी कि वकील को अंदर जाने दिया जाए लेकिन जाने नहीं दिया गया. सुप्रीम कोर्ट की राय है कि पूछताछ में एक व्यक्ति के साथ 2 वकील जा सकते हैं. हम इसके लिए पुलिस ऑफिसर से बात कर रहे थे लेकिन पुलिस ने असभ्य बर्ताव करते हुए हमें वहां से उठाकर यहां ले आए.'

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