बीते दो दिनों से पेट्रोल डीजल के दाम स्थिर हैं लेकिन बीते 17 दिनों में पेट्रोल डीजल 10 रुपये प्रति लीटर तक महंगा हो चुका है. केंद्र सरकार से इजाजत मिलने के बाद 4 नवंबर 2021 के बाद पहली बार सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल डीजल के दामों बदलाव करने का फैसला लिया और 22 मार्च से पेट्रोल डीजल के दामों में बढ़ोतरी शुरु कर दी. दो दिनों से भले ही सरकारी तेल कंपनियों ने दाम बढ़ाने पर Pause Button दबा रखा है. लेकिन वे और भी दाम बढ़ा सकती हैं.
कार स्कूटर बाइक में पेट्रोल डीजल डलवाने पर लोगों के घर का बजट बिगड़ रहा है. ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि आखिरकार पेट्रोल डीजल के दामों में और कितनी बढ़ोतरी होगी. सरकारी कंपनियां दोनों ईंधन के दामों में और कितना इजाफा करेंगी. तो आपको बता दें ये इजाफा फिलहाल तब तक जारी रह सकता है जब तक सरकारी तेल कंपनियों को दोनों ईंधन बेचने पर हो रहे नुकसान की भरपाई नहीं हो जाती.
सरकारी तेल कंपनियों ने 10 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाये हैं. एक अनुमान के मुताबिक सरकारी तेल कंपनियों कुल 15 रुपये प्रति लीटर तक पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाने होंगे तभी उनके नुकसान की भरपाई हो सकेगी. इसके संकेत इस बात से लगाये जा सकते हैं कि थोक डीजल उपभोक्ताओं के लिए सरकारी तेल कंपनियों ने डीजल के दामों में 25 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी कर दी. बल्क डीजल उपभोक्ताओं के श्रेणी में रेलवे, राज्य सरकारों की रोडवेज, मॉल, फैक्ट्रियां, हाउसिंग सोसाइटीज आती हैं.
एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा था अंतरराष्ट्रीय बाजार तेल की कीमतों के बढ़ोतरी के चलते साथ सरकारी तेल कंपनियों को ब्रेक ईवन यानि नुकसान को खत्म करने के लिए 12.1 रुपये प्रति लीटर की भारी कीमत वृद्धि की जरुरत है. रिपोर्ट में कहा गया कि तेल कंपनियों के लिए मार्जिन को शामिल करने के बाद कीमतों में 15.1 रुपये की बढ़ोतरी पड़ेगी. एसबीआई ने अपने रिसर्च रिपोर्ट में कहा था कि सरकारी तेल कंपनियों को अपने नुकसान की भरपाई करने के लिए 9 से 14 रुपये प्रति लीटर तक पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाने होंगे. एसबीआई ने ये तब कहा था जब कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल के से नीचे आसपास था.