देश में प्राकृतिक खेती (Natural Farming) को आगे बढ़ाने के लिए पीएम मोदी (PM Modi) लगातार प्रयास कर रहे हैं. इसी के तहत आज गुजरात के सूरत में एक कार्क्रम को संबोधित करते हुए प्रधाननमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्राकृतिक खेती सिर्फ खेती नहीं बल्कि धरती मां, गौमाता और जीव की सेवा है. इसके जरिए किसानों (Farmers) के आय के लिए नए स्त्रोत खुलते हैं. उन्होंने कहा कि देश में प्राकृतिक खेती के लेकर एक बड़ा अभियान चल रहा है. सूरत में आयोजित इस कार्यक्रम में इसकी झलक दिखाई देती है. यह देश के एक बड़े कार्यक्रमो में से एक है. पीएम मोदी ने कहा कि कुछ महीने पहले ही देश में प्राकृतिक खेती को लेकर एक नेशनल कॉन्क्लेव का आय़ोजन किया गया था.
गुजरात में प्राकृतिक खेती का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सूरत जिला प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में देश के अमृत संकल्प को एक गति दे रहा है. यही कारण हा कि आज सूरत के अलग-अलग 550 ग्राम पंचायतों के 40,000 से अधिक किसान आज प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. सूरत में प्राकृतिक खेती की सफलता के लिए उन्होंने वहां की जनता और जनप्रतिनिधियों की सराहना करते हुए कहा कि वहां से लोगों ने काफी मेहमत की. खेती को बढ़ावा देने के लिए गांव स्तर पर टीम और टीम लीडर बनाए गए. पंचायतों में ग्राम सभा की बैठक की गयी और 75 किसानों का चयन किया गया है.
किसानों को विभिन्न आयोजनो के जरिए प्राकृतिक खेती के बारे में प्रशिक्षित किया गया. उन्होंने कहा कि गुजरात की प्राकृतिक खेती में प्रगति देखकर यह विश्वास हो गया है कि एक गुजरात एक दिन देश में प्राकृतिक खेती का मॉडल बनकर सामने आएगा. यहां की प्राकतिक खेती के लिए निकला मॉडल देश की प्राकृतिक खेती का मॉडल बनेगा. उन्होंने कहा कि अगर किसा अभियान को सफल बनाने में देश के लोग एकजुट हो जाएं तो उसकी सफलता सुनिश्चित हो जाती है. इसी तरह इस अभियान से भी इसी तरह देश के किसान जुड़ रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि देश के जितने भी किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ेंगे यह अभियान उतना ही सफल होगा.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारा जीवन हमारा स्वास्थ्य कषि पर है, भारत स्वभाव औऱ संस्कति से कृषि आधारित देश रहा है. इसलिए जैसे ही देश में कृषि और किसान समृद्ध होंगे देश भी विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती लोगों के लिए अतिरिक्त आय का जरिए है. क्योंकि इसमें किसान गोबर के लिए गोपालन करते हैं. गौपालन के जरिए किसानों को अरिरिक्त आमदनी होती है. प्राकृतिक खेती के जरिए पर्यावरण और प्रकृति की सेवा की रक्षा होती है.