राजस्थान के अजमेर जिले (ajmer) के मदार स्थित धर्म विशेष के एक उपासना स्थल पर एक मुनि (muni) का दुराचारी चेहरा सामने आया है. मिली जानकारी के मुताबिक मुनि ने एक किशोर के साथ दरिदंगी (minor physical assault) करने का प्रयास किया जिसके बाद घटना से आक्रोशित समाज के लोगों (villagers) ने मुनि की जमकर पिटाई की और कपड़े पहनाकर अजमेर से भगा दिया. हालांकि फिलहाल मुनि के खिलाफ पुलिस (ajmer police) में पीड़ित और समाज की तरफ से कोई मामला दर्ज नहीं करवाया गया है. वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुनि को लोगों ने अजमेर से रवाना कर दिया है और उसका पिच्छिका और कमंडल भी वापस ले लिया है. बता दें कि इस मामले में मुनि (muni accused) ने अपनी गलती भी स्वीकार करते एक लिखित माफीनामा भी समाज के लोगों को दिया है.
मामले पर अजमेर के एसपी विकास शर्मा ने कहा कि बुधवार रात को इस घटना की जानकारी मिली लेकिन पीड़ित परिवार की ओर से अभी ऐसी किसी भी घटना के होने का इनकार किया गया है. एसपी के मुताबिक अगर पीड़ित परिवार की तरफ से कोई शिकायत आती है तो कार्रवाई की जाएगी. मिली जानकारी के मुताबिक मदार स्थित उपासना स्थल में मुनि ठहरे हुए थे जहां पीड़ित किशोर के परिजन ने 10 अप्रैल को समिति के अध्यक्ष को लिखित शिकायत देकर इसकी जानकारी दी थी. किशोर ने अपने पिता को बताया कि मुनि के विश्राम गृह में सेवा कार्य करने जाने के दौरान मुनि ने उससे हाथ-पैर की मालिश करवाई और दुराचार करने की कोशिश की.
वहीं मामले की जानकारी मिलते ही समिति के अध्यक्ष ने समाज की पंचायत में कार्रवाई का आश्वासन दिया. वहीं दूसरी ओर मुनि की ओर से मामला सामने आते ही गलती भी स्वीकार कर ली गई. वहीं बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष अंजलि शर्मा और सदस्य अरविंद मीणा ने इस मामले की जानकारी मिलने के बाद कहा कि नाबालिग के साथ अगर यौन हिंसा हुई तो समिति इसकी जरूर जांच करेगी और दोषियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवाया जाएगा. शर्मा ने कहा कि इस मामले में कई जानकारी छिपाने की बात भी पता चली है जो कि पोक्सो एक्ट के तहत आपराधिक काम है. गौरतलब है कि 9 साल पहले भी 2013 में भी एक बच्चे के साथ कुकृत्य मामले में मुनि का नाम सामने आया था.