बैरक की तस्वीर आई सामने: जेल में राजा की तरह आलीशान जिंदगी जीता था 200 करोड़ की उगाही करने वाले शातिर ठग, कैमरों पर डाला जाता था पर्दा
नई दिल्ली: दिल्ली की रोहिणी जेल के अंदर बंद सुकेश चंदशेखर (Sukesh Chandrashekhar) की सीसीटीवी फुटेज की तस्वीर सामने आई है. इस तस्वीर में दिख रहे नजारे रोहिणी जेल (Rohini Jail) की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े करते है.
सीसीटीवी फुटेज की तस्वीरों में सुकेश चंदशेखर अपनी बैरक में सीसीटीवी कैमरों के सामने पर्दा डालता हुआ दिख रहा है. बड़ी बात ये है कि करीब 40 कैदियों की क्षमता वाली उस बैरक में सुकेश चंद्रशेखर अकेले रहता था. बैरक में सीसीटीवी पर पर्दे लगाने के पीछे तिहाड़ प्रशासन का मकसद था कि उसके वसूली के फोन कॉल्स को रिकॉर्ड होने से बचाया जा सके.
40 कैदियों की बैरक में अकेला बंदी
सामने आई तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि सुकेश चंदशेखर के पीछे सीसीटीवी कैमरे पर तौलिया डाला गया है और पूरे बैरक में वो अकेला ही दिख रहा है.
सुकेश चंदशेखर (Sukesh Chandrashekhar) पर जेल में बंद रेलिगेयर प्रमोटर शिवेंद्र मोहन और मालविंदर मोहन को बाहर निकलवाने के नाम पर 200 करोड़ रुपये वसूली (Delhi Rs 200 crore extortion case) का आरोप है. इस मामले में जेल के 7 अफसरों समेत कुल 19 लोग अरेस्ट हो चुके हैं. ज़ी न्यूज़ के पास सभी आरोपियों की तस्वीरे भी मौजूद हैं. इन लोगों ने जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर को वसूली करने में मदद की.
गिरफ्तार होने वालों में रोहिणी जेल (Rohini Jail) के पांच अधिकारी भी शामिल हैं. ये अधिकारी सुकेश चंद्रशेखर के साथ 200 करोड़ की उगाही में शामिल थे. गिरफ्तार किए गए इन अधिकारियों में दो जेल सुपरिटेंडेंट सुनील कुमार और सुरिंदर चंद्र बोरा, दो डिप्टी सुपरिटेंडेंट महेंद्र प्रसाद और लक्ष्मी और एक असिस्टेंट सुपरिटेडेंट प्रकाश चंद है. दिल्ली पुलिस इससे पहले भी दो जेल अधिकारियों सुभाष बत्रा और धर्म सिंह मीणा को सुकेश के साथ उगाही में शामिल रहने के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी है.
रोहिणी जेल की जिस बैरक में सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrashekhar) बंद था, उसका इंचार्ज असिस्टेंट सुपरिटेडेंट धर्म सिंह मीणा था. रोहिणी जेल में आते ही सुकेश ने धर्म सिंह मीणा को मोटी रकम का लालच देते हुए जेल में खुद के लिए अलग से कमरा, सीसीटीवी से बचाव के लिये पर्दे, मोबाइल फोन और अन्य सभी सुविधाएं हासिल कर लीं. इस रैकेट में धर्म सिंह मीणा ने डिप्टी सुपरिटेडेंट सुभाष बत्रा और सुपरिटेडेंट सुरिंद्र वोहरा को भी शामिल कर लिया.
हर 2 हफ्ते में दिए जाते थे 50 लाख रुपये
इस वसूली कांड में सहयोग देने के लिए हर दो हफ्तों में करीब 50 लाख रुपये रोहिणी जेल के असिस्टेंट सुपरिटेडेंट धर्म सिंह मीणा को दिए जाते थे. ये पैसे बाकी जेल अधिकारियों में बांट दिए जाते थे.