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Update: 2022-05-19 08:36 GMT

दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने आज गुरुवार को दिल्ली में लोकतांत्रिक शासन के लिए वंशवादी राजनीतिक दलों के खतरे पर आयोजित नेशनल सेमिनार में कहा कि बीजेपी परिवारवादी पार्टियों (Family-Oriented Parties) से लड़ रही है.

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यूपी में बीजेपी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से लड़ रही है और वह परिवार पार्टी है. ऐसे ही पंजाब में शिरोमणि अकाली दल, बिहार में आरेडी, पश्चिम बंगाल में दीदी की पार्टी, महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी आदि. इन पार्टियों का कोई लक्ष्य नहीं होता है.

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वंशवादी राजनीतिक दलों के खतरे पर बोलते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था में राजनीतिक दल महत्वपूर्ण उपकरण है. अगर वह स्वस्थ हो तो प्रजातंत्र स्वस्थ है. अगर वो अस्वस्थ है तो प्रजातंत्र अस्वस्थ है. इससे धीरे-धीरे प्रजातांत्रिक व्यवस्था पर आघात पहुंचने लगता है. उन्होंने कहा कि पार्टी का स्वास्थ्य कैसा है, उसके सिस्टम कैसे हैं, ये सब बहुत महत्वपूर्ण है. इस महत्व को समझते हुए हमें ये ध्यान रखना होगा कि हमारे लोकतांत्रिक मूल्य क्या हैं, रिलेशन बीटविन लीडर्स क्या हैं, संगठन की विचार प्रक्रिया क्या है. नड्डा ने कहा कि जो परिवारिक पार्टियों हैं, उनका उद्देश्य सिर्फ सत्ता पाना होता है. इनकी कोई विचारधारा नहीं है. इनके कार्यक्रम भी लक्ष्यविहीन होते हैं. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक राजनीतिक दल एक महत्वपूर्ण उपकरण होता है. बीजेपी देश में परिवारवादी दलों के साथ लड़ रही है, चाहे वह जम्मू-कश्मीर में पीडीपी और एनसी हो या पश्चिम बंगाल में ममता और अभिषेक बनर्जी हो. ये दल अपने एक सिद्धांत पर चलते हैं, 'मेरी इच्छा, मेरे कानून.'

कई राजनीतिक दलों में परिवारवाद के हावी होने का जिक्र करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस, पंजाब में शिरोमणि अकाली दल, हरियाणा में आईएनएलडी, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, बिहार में राष्ट्रीय जनता दल, पश्चिम बंगाल में दीदी-भतीजे की पार्टी है, झारखंड में बाबू जी के बुजुर्ग होने के बाद बेटे ने पार्टी संभाल ली.

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