देखें LIVE वीडियो: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश कोषाध्यक्ष का मंदिर में निधन
सांसें कब थम जाएं और जिंदगी की डोर कब टूट जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता. ऐसा ही कुछ मध्य प्रदेश के बैतूल में देखने को मिला जहां बैतूल के पूर्व एमएलए विनोद डागा मंदिर में पूजा करने गए थे और पूजा करते-करते भगवान के चरणों में उनका निधन हो गया. उनके निधन का पूरा नजारा सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया.
दरअसल, गुरुवार को धनतेरस के दिन रोज की तरह बैतूल के पूर्व विधायक और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश कोषाध्यक्ष विनोद डागा जैन दादावाड़ी स्थित मंदिर में पूजा करने गए थे. पहले उन्होंने मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ की पूजा की. इसके पश्चात दादा गुरुदेव मंदिर का परिक्रमा लगाई और पूजा शुरू की. जैसे ही पूजा समाप्त हुई और उन्होंने दादा गुरुदेव के चरणों में मत्था टेका, उसके कुछ क्षण बाद ही वे मंदिर से टकराए और नीचे गिर कर चंद सेकंड में परलोक सिधार गए.
उसी समय दर्शन के लिए एक बच्ची मंदिर में आई और उसने देखा कि विनोद डागा जमीन पर गिरे हैं तो इसकी सूचना पुजारी को दी गई. पुजारी सहित आसपास के लोगों ने उन्हें उठाने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो गई थी.
हालांकि, उन्हें तत्काल एक निजी अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टर ने देखते ही उन्हें मृत घोषित कर दिया. विनोद डागा बुधवार की रात ही भोपाल से बैतूल वापस आए थे. भोपाल में वे उप चुनाव की समीक्षा बैठक में शामिल होने गए थे.
बैतूल के पूर्व विधायक विनोद डागा के अंतिम समय का वीडियो आया है, पवित्र व्यक्ति थे भगवान के चरणों में प्राण निकले pic.twitter.com/Vj2ZZ4XMPC
— Nitendra Sharma (@nitendrasharma2) November 13, 2020
उनके निधन की खबर को लेकर लोगों को भरोसा नहीं हो रहा था. हमेशा स्वस्थ और तंदुरुस्त रहने वाले विनोद डागा के अचानक निधन हो जाने की खबर ने सबको हैरान कर दिया था. उनकी अंतिम यात्रा में अपार जन सैलाब उमड़ा था.
मंदिर के पुजारी ओम प्रकाश त्रिपाठी का कहना है कि विनोद डागा रोज की तरह पूजा करने मंदिर आए थे. शांति पार्श्वनाथ भगवान की पूजा करने के बाद दादा गुरुदेव की पूजा पूरी होने के बाद वो गिर गए और एक लड़की ने आकर बताया की आया कि विनोद डागा गिर गए हैं. दादा गुरु के सानिध्य उन्हें प्राप्त हुआ है.
पुण्य आत्मा और बड़े भाग्यवान थे, इस तरह की मुक्ति सभी को नहीं मिलती है, जैसी उन्हें मिली है. हमने शास्त्रों में पढ़ा था लेकिन पहली बार देखा है. इस मुक्ति को सामिप्य मुक्ति कहते हैं जिसमें दादा गुरुदेव का सानिध्य हमेशा बना रहता है.
डागा परिवार के नजदीकी रिश्तेदार उषभ गोठी का कहना है कि निश्चित ही बहुत हैरान करने वाला मामला है. चाचा जी को मोक्ष मिला है. हमने गुरु महाराज से सुना था कि ऐसी मुक्ति मिलती है लेकिन आज हमने साक्षात देख लिया. इस तरह की मुक्ति मिलना हर किसी के लिए संभव नहीं है. उन्होंने जरूर पुराने जन्म में इतना पुण्य कमाया था जो उन्हें ऐसी मुक्ति मिली है. उनमें भगवान के प्रति भक्ति भाव असीम थी और उसी असीम श्रद्धा के कारण दादा गुरुदेव के चरणों में परलोक सिधार गए. परिवार के लिए ये बड़ी क्षति हुई है.