देखें प्रत्येक 2 घंटे की LIVE बुलेटिन, जज की मौत, डॉक्टरों ने कही ये बात
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धनबाद: जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद 28 जुलाई की सुबह एसएनएमएमसीएच में जीवन-मौत के बीच संघर्ष कर रहे थे। उनके सिर पर गहरे जख्म थे। डॉक्टर उन्हें सीटी स्कैन के लिए भेजने की तैयारी में थे, इससे पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया। उक्त बातें गवाही के दौरान जूनियर डॉक्टर जूही कुमारी ने सोमवार को कोर्ट को बताई। सोमवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक के न्यायालय में दिल्ली सीबीआई क्राइम ब्रांच की टीम ने एसएनएमएमसीएच के तीन डॉक्टरों को बतौर गवाह कोर्ट में पेश किया था।
इस मामले में ऑटो चालक लखन वर्मा और सहयोगी राहुल वर्मा के खिलाफ हत्या और साक्ष्य छिपाने की धारा में ट्रायल शुरू हुआ। सीबीआई के विशेष अभियोजक अमित जिंदल ने कोर्ट में तीन में से दो डॉक्टरों की गवाही कराई जबकि पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर कुमार शुभेंदु की गवाही मंगलवार पर टाल दी गई। सीबीआई ने जज की मौत मामले में 13 गवाहों को समन भेज कर गवाही के लिए बुलाया है। सोमवार को इस मामले में पहली गवाही हुई। उत्तम आनंद का इलाज करने वाले डॉ विवेक भास्कर और डॉ कुमारी ज्योति ने बताया कि 28 जुलाई 2021 को सुबह साढ़े पांच बजे जख्मी हालत में मरीज को अस्पताल लाया गया था। उनकी स्थिति काफी गंभीर थी। सिर पर गंभीर चोट के निशान थे। उनका सीटी स्कैन कराने को कहा गया था, परंतु वह नहीं हो पाया और सुबह करीब नौ बजे उनकी मौत हो गई।
ज्योति ने बताया कि पहले उन लोगों को पता नहीं था कि जख्मी व्यक्ति जज हैं। उनकी मौत के बाद यह जानकारी सबको मिली। उन्होंने बताया कि पहले डॉ. सुधांशु ने उनका इलाज किया। विवेक भास्कर की अगुवाई में ही डॉक्टरों की टीम ने उत्तम आनंद के शव का पोस्टमार्टम किया था। एसडीओ सुरेंद्र कुमार की देखरेख में हुए पोस्टमार्टम में मेडिकल टीम से सर्जरी विभाग के डॉ राजेश कुमार सिंह, डॉ अरुण कुमार वर्मा मेडिसिन, डॉ राजेश कुमार कुशवाहा और डॉ देवेंद्र बोस भी शामिल थे।
उत्तम आनंद की मौत के मामले में जेल में बंद राहुल वर्मा की जमानत अर्जी विशेष अदालत ने सोमवार को खारिज कर दी। राहुल वर्मा अपने सहयोगी लखन वर्मा के साथ इस मामले में घटना के बाद से ही जेल में बंद है। अदालत में लखन की ओर से जमानत की अर्जी दाखिल नहीं की गई है। अधिवक्ता कुमार विमलेंदु ने अपना पक्ष रखा और सीबीआई की चार्जशीट में कई खामियां गिनवाईं। कोर्ट ने जमानत की अर्जी को गंभीर प्रकृति के अपराध होने का मामला बताते हुए खारिज कर दिया। वहीं गुड्डू सिंह उर्फ मिथिलेश सिंह की ओर से मोबाइल रिलीज करने करने को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया। सीबीआई ने गुड्डू सिंह उर्फ मिथिलेश सिंह की मोबाइल को 28 सितंबर 2021 को जब्त किया था।