'विश्व हिंदू परिषद' मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए चलायेगा अभियान

विश्व हिंदू परिषद (vishwa hindu parishad) देश भर के मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के लिये एक अभियान शुरू कर रही है.

Update: 2021-10-20 15:45 GMT

नयी दिल्ली. विश्व हिंदू परिषद (vishwa hindu parishad) देश भर के मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के लिये एक अभियान शुरू कर रही है. यह निर्णय हिंदू मंदिरों (Hindu Temples) का संचालन हिंदू भक्तों के हाथों में दिए जाने के आरएसएस प्रमुख (RSS chief) मोहन भागवत (mohan bhagwat) के हाल में दिये बयान की पृष्ठभूमि में लिया गया है. विहिप (VHP) इस अभियान के तहत देश के आम नागरिकों सहित धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक, कानूनी क्षेत्र के लोगों से विचार विमर्श किया जायेगा और उनके अनुभवों के आधार पर सरकार से कदम उठाने की मांग की जायेगी. विहिप सूत्रों ने यह जानकारी दी.

विहिप के संयुक्त महामंत्री डा. सुरेन्द्र जैन ने 'भाषा' को बताया कि परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार को इस अभियान का संयोजक बनाया गया है. उन्होंने बताया, 'इस विषय पर देश के साधु संतों से बात शुरू की गई है. इसके कानूनी पहलुओं पर भी विचार विमर्श किया जायेगा. इस पर वकीलों एवं संविधान विशेषज्ञों की एक टीम बनाई गई है.' डा. जैन ने कहा कि विहिप एक समिति का भी गठन करेगी ताकि पूरे अभियान को व्यवस्थित रूप से चलाया जा सके.विश्व हिंदू परिषद ऐसे समय में मठ मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त बनाने का अभियान शुरू करने जा रही है जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने दशहरा के मौके पर अपने संबोधन में कहा था कि हिंदू धर्मस्थानों को व्यवस्था के नाम पर दशकों शतकों तक हड़प लेने, अभक्त/अधर्मी/विधर्मी के हाथों उनका संचालन करवाने आदि अन्याय दूर हों तथा हिंदू मंदिरों का संचालन हिंदू भक्तों के ही हाथों में रहे.
विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री सुरेन्द्र जैन ने कहा कि अंग्रेजों के काल में वैसे मंदिरों पर अधिपत्य जमा लिया गया जहां काफी मात्रा में धन था और आजादी के बाद भी यह जारी रहा. विहिप के वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'मंदिरों का सरकारीकरण नहीं समाजीकरण हो. मंदिर, समाज चलाये, ट्रस्ट बने. स्वामीनारायण मंदिर, इस्कॉन मंदिर उदाहरण हैं जिन्हें ट्रस्ट काफी अच्छे ढंग से चला रहे हैं.'
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