कोरोना की तीसरी लहर को लेकर वायरोलॉजिस्ट ने चेताया, कही यह बात

कोरोनावायरस का प्रकोप फैला हुआ है.

Update: 2021-05-30 12:39 GMT

कोरोनावायरस का प्रकोप फैला हुआ है. इस घातक वायरस के खात्मे के लिए सिर्फ वैक्सीन ही प्रभावी बताई जा रहा है. इस बीच कर्नाटक के एक वायरोलॉजिस्ट डॉ वी रवि ने कहा है कि मौजूदा कोविड-19 वैक्सीन की प्रभावशीलता कम से कम एक वर्ष तक रहेगी. उपलब्ध साक्ष्य बताते हैं कि अगर अधिक परेशान करने वाले कोरोना के वेरिएंट नहीं आते हैं तो वैक्सीन दी जाने वाले व्यक्तियों को दो से तीन साल तक सुरक्षा मिलेगी. यह बात डॉ. रवि ने महिला पत्रकार संघ की ओर से आयोजित किए गए 'थर्ड वेव, वैक्सीनेशन एंड प्रोटेक्शन' विषय पर एक वेबिनार में कही.

डॉ रवि राज्य कोविड टास्क फोर्स कमेटी के सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि भारत में तीसरी लहर अपरिहार्य है. पिछले साल कई लोग इससे इनकार कर रहे थे और कह रहे थे कि भारत में 'भारतीयों की प्रतिरक्षा' के कारण दूसरी लहर नहीं होगी. दरअसल, भारत दूसरी लहर से गुजर रहा है. टीकों की प्रभावशीलता की सटीक अवधि निर्धारित करने के लिए और अधिक रिसर्च करने की आवश्यकता है. डॉ. रवि का मानना है कि जेनेटिक सीक्वेंसिंग के लिए कोविड पॉजिटिव स्वैब सैंपल के एक हिस्से के रेगुलर प्रोसेसिंग से नए कोरोनावायरस वेरिएंट की पहचान करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में अब तक जीनोमिक सीक्वेंसिंग के लिए प्रोसिस्ड किए गए 933 सैंपलों में से 26 प्रतिशत में डबल म्यूटेंट वेरिएंट 'B 1.617.1' और 'B.1.617.2' पाए गए हैं.
'कोरोना की तीसरी लहर से गुजर रहे यूरोपीय देश'
डॉ रवि ने हर पिछली महामारी में कई लहरों का जिक्र करते हुए कहा कि देश में तीसरी लहर अपरिहार्य थी और इससे निपटने के लिए तैयारी शुरू होनी चाहिए. हमें अभी से तैयार रहने की जरूरत है. यूरोपीय देश तीसरी लहर से गुजर रहे हैं और अमेरिका चौथी लहर के शुरुआती चरण में दिखाई दे रहा है. डॉ रवि के अनुसार, संक्रमण की लहरें आमतौर पर तीन से पांच महीने में आती है और जो लोग अगले छह महीनों में टीकाकरण नहीं करवाते हैं, वे कोविड के लिए अतिसंवेदनशील होंगे. आने वाली तीसरी लहर में बच्चे विशेष रूप से कोरोना के चपेट में आ सकते हैं. पीडियाट्रिक आईसीयू की कमी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 30 करोड़ बच्चों वाले देश में अगर 1 फीसदी भी बीमार पड़ जाएं तो हमारे पास उनके इलाज के लिए आवश्यक सुविधाएं नहीं हैं.
राज्यों में अलग-अलग समय पर आई कोरोना की दूसरी लहर
कोरोना की दूसरी लहर के पैटर्न को लेकर उन्होंने कहा कि दूसरी लहर का पहले महाराष्ट्र और केरल ने सामना किया. इसके बाद दिल्ली, गुजरात और कर्नाटक ने सामना किया. अब हम तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में मामलों में बढ़ोतरी देख रहे हैं. अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समय पर कोरोनी की दूसरी लहर चरम पर पहुंची. यहां तक कि एक राज्य के जिलों में अलग-अलग समय पर कोरोना मामलों में वृद्धि देखी गई. उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर की गंभीरता को कम करने के प्रयासों के तहत धार्मिक सभाओं, चुनाव और राजनीतिक रैलियों जैसे बड़े समारोहों को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया. इन समारोहों से बचने से कोई भी आर्थिक गतिविधि प्रभावित नहीं होती है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अब जरूरत इस बात की है कि सात दिनों की औसत कोविड पॉजिटिविटी रेट पर कड़ी नजर रखी जाए और कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रतिबंध लगाए जाएं.
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