वायरल फीवर का कहर,यूपी में बीमार बच्चों को नहीं मिल पा रहे बेड, अस्पताल में मरीजों की भारी संख्या
उत्तर प्रदेश में वायरल बुखार का कहर जारी है.
उत्तर प्रदेश में वायरल बुखार का कहर जारी है. बुंदेलखंड के महोबा जिले में वायरल बुखार के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. मरीजों में सबसे अधिक बच्चों की संख्या है लेकिन जिला अस्पताल में अव्यवस्था का आलम है. अस्पताल में जितने मरीज आ रहे हैं उसकी तुलना में बेड काफी कम पड़ गए हैं. आलम ये है कि एक-एक बेड पर कई मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है.
मरीजों के सापेक्ष बेड की कमी के कारण एक बेड पर दो-दो बच्चों को भर्ती करना पड़ रहा है. जिला अस्पताल के जिम्मेदार बेहतर व्यवस्था की बात कर रहे हैं लेकिन अस्पताल की तस्वीरें कुछ और ही कहानी बयान कर रही हैं. महोबा जिले में वायरल बुखार रौद्र रूप दिखा रहा है और स्वास्थ्य महकमा सीमित संसाधनों के साथ हालात को संभालने की पुरजोर कोशिश में जुटा है.
महोबा जिले में वायरल बुखार के कारण अब तक चार लोगों की मौत होने की बात सामने आ रही है. मौसम के बदलते मिजाज के साथ वायरल बुखार के मरीजों की संख्या में भी इजाफा देखने को मिल रहा है. जिला अस्पताल में हर रोज बड़ी संख्या में वायरल बुखार और डेंगू के मरीज पहुंच रहे हैं. जुकाम के मरीजों की संख्या भी कम नहीं लेकिन अस्पताल में उपचार पर अव्यवस्था हावी नजर आ रही है.
जिला अस्पताल में हर रोज बुखार से पीड़ित करीब 25 बच्चे भर्ती हो रहे हैं. सौ बेड के जिला अस्पताल के बच्चों के वार्ड में भर्ती तकरीबन 55 बच्चे निमोनिया और वायरल बुखार से पीड़ित हैं. सौ बेड के इस अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके तीमारदार परेशान हैं. जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर आरपी मिश्रा का कहना है कि अस्पताल में सिर्फ 30 से 35 बच्चे ही भर्ती हैं और बेड की कोई कमी नहीं है.
सीएमएस के बयान के विपरीत अस्पताल में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ और स्टाफ नर्स की मानें तो अस्पताल में अन्य मरीजों के साथ अधिक बच्चे आ रहे हैं जिससे बेड की कमी हो रही है. इनके मुताबिक एक बेड पर दो-दो बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है. खांसी, जुकाम, निमोनिया और वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों की तादाद ज्यादा है. स्टाफ और डॉक्टर की भी कमी हो गई है.