मणिपुर। मणिपुर के घाटी इलाकों में बढ़ते तनाव के बीच, लोगों के एक समूह ने गुरुवार रात इंफाल पूर्व के हेइंगंग में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के निजी आवास पर धावा बोलने का प्रयास किया। सुरक्षा कर्मियों द्वारा जवाबी कार्रवाई के बाद भीड़ तितर बितर हुई। एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि भीड़ की संख्या शुरू में "लगभग 500-600" थी। उन्होंने कहा कि आरएएफ कर्मी घटनास्थल पर मौजूद थे और जवाबी कार्रवाई बल भी तैनात कर रहे थे। मुख्यमंत्री हालांकि पैतृक आवास पर नहीं रहते हैं और वह अपने आधिकारिक आवास में रहते हैं। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘इंफाल के हिंगांग इलाके में मुख्यमंत्री के पैतृक आवास पर हमला करने की कोशिश की गई। सुरक्षा बलों ने भीड़ को आवास से लगभग 100 मीटर पहले ही रोक दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस आवास में कोई नहीं रहता है, हालांकि यह कड़ी सुरक्षा में है।’’
मणिपुर में दो युवकों की मौत को लेकर छात्रों ने मंगलवार और बुधवार को हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था। भीड़ ने बृहस्पतिवार की तड़के इंफाल पश्चिम जिले में उपायुक्त कार्यालय में भी तोड़फोड़ की थी और चार पहिया दो वाहनों में आग लगा दी थी। राज्य के मैतेई-प्रभुत्व वाले घाटी क्षेत्र में हिंसा चरम पर है। मंगलवार से तीव्र, व्यापक विरोध प्रदर्शन देखा गया है। विरोध प्रदर्शन दो तस्वीरों के वायरल होने के बाद और बढ़ गया है। तस्वीरें दो मैतेई युवाओं की हैं, जो 6 जुलाई से लापता हो गए थे और उन्हें आतंकवादियों ने मार डाला। मृतकों की पहचान हिजाम लिनथोइंगामी (17) और फिजाम हेमजीत (20) के रूप में हुई है। बुधवार को भी प्रदर्शनकारी छात्रों ने सीएम बंगले और राजभवन की ओर मार्च करने की कोशिश की। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए भारी आंसू गैस के गोले दागे, लेकिन छात्रों के प्रतिनिधियों को राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मिलने की अनुमति दी गई। उस दोपहर बाद, एक भीड़ ने थौबल जिले में भाजपा खोंगजोम मंडल कार्यालय को आग लगा दी।