गांव वालों ने 2 सगे भाइयों पर लगाया 34 लाख का जुर्माना, समाज से बहिष्कृत कर हुक्का पानी किया बंद

Update: 2021-08-13 12:28 GMT

राजस्थान में जातीय पंचों (Caste panchayat) की पंचायती थम नहीं रही है. भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर स्थित बाड़मेर जिले में जातीय पंचायत ने एक बार फिर से तुगलकी फरमान (Tughlaqi decree) जारी करते हुए पहले दो भाइयों के परिवारों पर 34 लाख का जुर्माना लगा दिया. जुर्माना नहीं भर पाने पर दोनों परिवारों का 12 साल के लिए हुक्का पानी बंद कर दिया. घटना बाड़मेर जिले के सिवाना उपखंड के लूदराड़ा गांव की है. पीड़ित परिवारों ने अब कोर्ट में इस्तगासे के जरिए जातीय पंचों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है. सिवाना थानाधिकारी प्रेमाराम के मुताबिक इस संबंध में 5 नामजद एवं 6-7 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

लूदराड़ा निवासी अंगार सिंह और फौजराज सिंह न्यायालय में पेश किये अपने इस्तगासे में बताया है कि जातीय पंच माधुसिंह सोढ़ा मायलावास, भंवरसिंह व वगदसिंह अर्थण्डी और रामसिंह व शैतानसिंह भंवरानी जालोर ने मिलकर उन्हें समाज से बहिष्कृत कर हुक्का पानी बंद करने का आदेश जारी कर दिया है. पीड़ितों के मुताबिक वे अपने परिवार सहित लूदराड़ा में स्थाई रूप से निवास करते हैं. हाल ही में उनके चचेरे भाई की पुत्री ने सिवाना के प्रेम सिंह पुरोहित के साथ प्रेम विवाह कर लिया था.

इस कारण गांव के कुछ लोगों ने उन्हें सामाजिक रूप से प्रताड़ित कर समाज से बाहर करने की योजना बनाई. इस प्रकरण में झूठा फंसा कर उनके खिलाफ गोपनीय तरीके से षड्यंत्र करने लगे. समाज से बहिष्कृत करने की धमकियां देने लगे. जबकि इस मामले में उनका कोई लेना-देना नहीं था. फिर भी समाज से बहिष्कृत करने की पूरी तैयारी की. अंत में इन लोगों ने एक झूठी पंचायती कर उनके ऊपर 17-17 लाख जुर्माना भरने का फरमान सुना दिया. इन लोगों ने एक लाख दो हजार रुपये पहले भरवाए और फिर 34 लाख रुपए का दंड लगाया.

उन्होंने जब दंड की राशि भरने पर असमर्थता जताई तो जातीय पंचों ने दोनों भाइयों को अपशब्द कहकर जाजम से नीचे जाने की धमकी दी. पीड़ितों का आरोप है कि इस फरमान के बाद से उन्हें अब गांव में कोई बुलाता नहीं है. झूठी पंचायती कर लगाकर उन्हें बेइज्जत किया गया है. न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने जातीय पंचों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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