देखें 2 घंटे की LIVE बुलेटिन, एमसीएम स्कॉलरशिप योजना को 5 साल के लिए बढ़ाया गया
रायपुर। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने माध्यमिक स्तर पर शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने और छात्रों को कक्षा 8 में ड्रॉप-आउट से रोकने के लिए वित्तीय वर्ष 2022-27 के लिए 1,827 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय मीन्स-कम-मेरिट छात्रवृत्ति (Means-cum-Merit Scholarship) योजना को संशोधित और विस्तारित किया है. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर बताया कि आठवीं कक्षा के बाद ड्रॉप-आउट (drop out) के मुद्दे को संबोधित करने और माध्यमिक स्तर पर शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए, पीएम मोदी जी की सरकार ने अगले 5 वर्षों के लिए ₹1827 करोड़ के परिव्यय के साथ मीन्स-कम-मेरिट स्कॉलरशिप योजना को जारी रखने की मंजूरी दी है. "
राष्ट्रीय मीन्स-कम-मेरिट स्कॉलरशिप (Means-cum-Merit Scholarship) योजना समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के मेधावी छात्रों को नेशनल मीन्स कम मेरिट स्कॉलरशिप (NMMS) परीक्षा के माध्यम से छात्रवृत्ति प्रदान करती है. NMMS परीक्षा के माध्यम से चुने गए कक्षा 9 के छात्रों को कक्षा 12 तक अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए हर साल छात्रवृत्ति से सम्मानित किया जाएगा. एमसीएम छात्रवृत्ति योजना पहली बार वर्ष 2008-09 में शुरू की गई थी. तब से, लगभग 22.06 छात्रवृत्तियां स्वीकृत की गई हैं, शिक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है. योजना के विस्तारित चरण का उद्देश्य 14.76 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करना है.
इस योजना का उद्देश्य अगले 5 वर्षों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के 14.76 लाख से अधिक मेधावी छात्रों को प्रति छात्र ₹ 12,000 प्रति वर्ष की दर से वित्तीय सहायता प्रदान करना है. इस योजना के 2008-09 में शुरू होने के बाद से देश भर में 22 लाख से अधिक गरीब छात्रों को लाभ हुआ है.