ट्रिपल मर्डर केस में फैसला आया, जानें पूरा मामला
तीन साथियों की हत्या करने और साक्ष्य छिपाने के आरोप में दोषी पाया गया है.
गुना: मध्य प्रदेश के गुना में जिला कोर्ट ने 2017 में हुए हाईप्रोफाइल ट्रिपल मर्डर केस में फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आरोपी हनी दुबे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. हनी दुबे को तीन साथियों की हत्या करने और साक्ष्य छिपाने के आरोप में दोषी पाया गया है. अदालत ने इस जघन्य हत्याकांड को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस करार दिया है.
दरअसल, मई 2017 में तीन नाबालिग लड़कों की हत्या की गई थी. पैसों के लालच के चलते किया गया ट्रिपल मर्डर केस पूरे भारत वर्ष में चर्चित रहा था. हनी दुबे, ऋतिक नामदेव, लोकेश लोधा, संस्कार श्रीवास्तव और हेमंत मीना पांचों दोस्त थे. सभी ने मिलकर प्लान बनाया कि हेमंत का किडनैप कर परिवारवालों से मोटी रकम वसूलेंगे.
लेकिन फिरौती वसूलने से पहले ही दोस्तों के बीच फूट पड़ गई. आरोपी हनी दुबे ने खुद को फंसता देख हेमंत मीना की हत्या कर दी और शव जला दिया. इसी तरह ऋतिक नामदेव और लोकेश लोधा को भी बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया. हनी दुबे चाहता था कि उसकी साजिश का खुलासा न हो पाए. ट्रिपल मर्डर के बाद आखिर में बचे दोस्त संस्कार श्रीवास्तव की हत्या का प्लान भी हनी ने बना लिया था, लेकिन तब तक पुलिस की नजरें हनी दुबे पर पड़ गईं और संस्कार श्रीवास्तव की जान बच गई.
हनी दुबे नाम के नाबालिग ने जिस तरह से हत्या की थी, उसे लेकर कोर्ट ने नाबालिग मानने से इनकार करते हुए वयस्क की तरह केस चलाने का आदेश दिया था. आरोपी ने अपने तीन साथियों हेमंत मीना, ऋतिक नामदेव और लोकेश लोधा की निर्मम हत्या की थी. साक्ष्य छिपाने में आरोपी की मां ने भी उसका साथ निभाया था.
जिला कोर्ट ने 62 पेज का लंबा फैसला लिखते हुए हत्याकांड के दोषी हनी दुबे को आजीवन कारावास का दंड दिया है. साथ ही आरोपी के ऊपर अर्थदंड भी लगाया जिसे फरियादी पक्ष को सौंपा जाएगा. ट्रिपल मर्डर मामले में आरोपी की मां फिलहाल जेल में बंद है. हनी की मां पूनम दुबे का मामला अंडर ट्रायल है.