मुसलमानों के चलते सब्जियां हुई महंगी, मुख्यमंत्री ने दिया विवादित बयान

मियां व्यापारी तो सब्जी के दाम भारी

Update: 2023-07-14 16:54 GMT
नई दिल्ली। इन दिनों देश भर में सब्जियों की कीमत चर्चा का विषय बनी हुई है। इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने सब्जियों की महंगाई के लिए मियां-मुसलमानों को जिम्मेदार बताया है। सरमा से असम में सब्जियों की महंगाई पर सवाल पूछा गया था। उनसे पूछा गया था कि गुवाहाटी में सब्जियां इतनी महंगी क्यों हैं? इसके जवाब में सरमा ने कहा कि यह मियां व्यापारी हैं, जो महंगे दामों पर सब्जियां बेच रहे हैं।
असम में सब्जियों के दाम काफी ज्यादा बढ़ गए हैं। इसको लकर असम सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। कांग्रेस ने सरकार से सब्जियों की कीमत पर नियंत्रण के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग की है। इस बीच पत्रकारों ने असम के मुख्यमंत्री से महंगी सब्जियों को लेकर सवाल पूछा था। इसके जवाब में हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि इसके पीछे मियां व्यापारी हैं। उन्होंने कहा कि यही मियां व्यापारी महंगे दामों पर सब्जियां बेचते हैं। असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में सब्जियों के दाम काफी कम हैं। अगर आज असमी व्यापारी सब्जी बेचते तो वह असमिया लोगों से ज्यादा पैसे नहीं लेते। लेकिन मियां व्यापारी असमिया लोगों से ज्यादा पैसे ले रहे हैं।
इसके साथ ही असम के मुख्यमंत्री ने असम के युवाओं से आगे आकर सब्जी आदि बेचने के काम में सक्रिय होने के लिए कहा। उन्होंने कहा अगर असमी युवा ऐसा करने के लिए तैयार हैं तो वह उनके लिए जगह दिलवा देंगे। इतना ही नहीं, उन्होंने फ्लाइओवरों के नीचे की उस जगह को खाली कराने की भी बात कही, जहां पर मियां व्यापारी सब्जियां और फल बेचते हैं। बता दें कि असम में बंगाली मूल के मुसलमानों के लिए मियां शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। यह लोग असम में बड़े पैमाने पर सब्जियों और मछली के व्यापार में शामिल हैं।
गौरतलब है कि असम में मियां-मुसलमानों को लेकर सियासी खींचतान चल रही है। ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल ने असम को मियां समुदाय के बिना अधूरा बताया था। असम के मुख्यमंत्री ने इस पर भी ऐतराज जताया था। उन्होंने कहा था कि अजमल का ऐसा कहना असमिया समुदाय के अपमान सरीखा है। असम के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मियां समुदाय के लोग बसें और कैब चलाते हैं। इसीलिए गुवाहाटी में ईद के मौके पर शहर में बसों की हलचल कम हो जाती है और भीड़ भी कम दिखाई देती है।
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