नई दिल्ली: सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) विभिन्न मुद्दों पर लगातार अपने ही दल यानी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को निशाने पर ले रहे हैं. ताजा मामला बैंकों की हड़ताल का है, इसमें वरुण गांधी ने बैंकों के निजीकरण का विरोध किया है.
इससे पहले उन्होंने किसानों के मुद्दे पर ट्वीट करके भी केंद्र और यूपी सरकार को घेरा था. उससे पहले कॉन्ट्रेक्ट कर्मियों के धरना प्रदर्शन में भी वरुण ने हिस्सा लिया था.
बता दें कि लाखों बैंककर्मियों ने निजीकरण के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल की थी. दरअसल, बजट सत्र के दौरान सरकार ने 2 बैकों के विनिवेश की बात की थी, जिसका विरोध हो रहा है.
बरेली में सांसद वरुण गांधी ने कहा, 'अगर बैंकों का निजीकरण हो जाएगा तो 8-10 लाख लोगों की नौकरी चली जाएगी. ये ज्यादातर लोग 40-50 साल के होंगे. इन्हें फिर से कौन नौकरी देगा? उनके बच्चे कौन पालेगा? अगर BHEL, MTNL, BSNL और एयरपोर्ट्स को बेच दिया जाएगा तो आम लोगों के बच्चों को कौन नौकरी देगा?'
पिछले हफ्ते वरुण गांधी ने लिखा था, 'जब हम सरकारी बैंकों का निजीकरण कर रहे हैं, तब थोड़ा रुककर ध्यान देना चाहिए कि ये बैंक लाखों लोगों को रोजगार देते हैं. इतना ही नहीं स्वयं सहायता समूह की मदद करते हैं, ग्रामीण बैंकिंग की सुविधा देते हैं, छोटे और मध्यम आकार के उद्योगों को लोन देते हैं. ये सभी चीजें निजी या प्राइवेट बैंक शायद ना करे.'
आज पीलीभीत में संविदा कर्मियों जिनमें मनरेगा, स्वास्थ्य,आंगनबाड़ी,आशा बहुएं,शिक्षामित्रों व अन्य की वेदना को जाना।
संविदा कर्मी भी दूसरे सरकारी कर्मचारियों की तरह समान मानदेय के साथ समान सम्मान के भी हकदार हैं।नियमितीकरण और सम्मान की इस लड़ाई में मैं इनके साथ अंत तक खड़ा रहूंगा। pic.twitter.com/AqCCsYEzgB
इससे पहले वरुण गांधी पीलीभीत में संविदा (कॉन्ट्रेक्ट) कर्मियों के धरना प्रदर्शन में शामिल हुए थे. इसमें स्वास्थ्य,आंगनबाड़ी, आशा बहुएं, शिक्षा मित्र आदि शामिल थे. वरुण गांधी ने तब लिखा था कि इस लड़ाई में मैं इनके साथ अंत तक खड़ा रहूंगा.
किसानों के लिए उठाई थी आवाज
इससे पहले वरुण गांधी किसानों के मसले पर यूपी सरकार और केंद्र सरकार तक आवाज पहुंचा चुके हैं. MSP पर कानून बनाने के लिए वरुण ने पिछले महीने पीएम मोदी को पत्र लिखा था. लखीमपुर में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के मसले पर भी उन्होंने कई ट्वीट करके दोषियों को सजा दिलाने की मांग की थी.