ईसाई समाज की महिला से बर्बरता, नग्न कर बीच सड़क पर घुमाया

इलाके में तनाव जारी

Update: 2023-07-19 13:46 GMT
इंफाल। हिसाग्रस्त मणिपुर में उस वक्त स्थिति एक बार फिर से भयावह हो गई, जब अज्ञात हमलावरों ने बीते शनिवार को इंफाल पूर्वी जिले केइबी हेइकक मापल गांव की तलहटी के पास 57 वर्षीय नागा महिला की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद राजधानी इंफाल समेत आसपास के इलाकों में भारी तनाव व्याप्त हो गया है। नागा समुदाय इस हत्या के लिए मैतेई समूह को जिम्मेदार ठहरा रहा है, वहीं मैतेई समूह ने हत्या के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। मैतेई समूह का कहना है कि नागा महिला की हत्या से उसके समूह का कोई लेना-देना है। इतना ही नहीं मैतेई समाज ने हत्या के विरोध में निंदा का एक बयान भी जारी किया है।
समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार मारिंग नागा समुदाय की सदस्य लुसी मारेम की हत्या के मामले में पुलिस ने पांच महिलाओं सहित मैतेई समुदाय के नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। इस संबंध में इम्फाल पुलिस ने घटना के दूसरे दिन रविवार को प्रेस कांफ्रेंस करके बाकायदा मीजिया में जानकारी साझा की। बीते 3 मई को दोनों समुदायों के बीच भड़की हिंसा में अब तक 140 से अधिक लोगों की मौतें हो चुकी हैं, उसमें ज्यादातर मैतेई और कुकी समुदाय के सदस्य बताये जाते हैं। वहीं हिंसा में मारिंग नागा समुदाय के किसी सदस्य के मारे जाने की यह पहली घटना बताई जा रही है।
घटना के संबंध में मृतका लुसी मारेम के परिजनों ने बताया कि मारेम मानसिक रूप से विक्षिप्त थी और वह शनिवार सुबह इंफाल पश्चिम जिले के लैंगोल गेम्स गांव स्थित अपने आवास से लापता हो गई थी। परिजनों को यह नहीं पता था कि वह केबी इलाके में कैसे पहुंची, जो उसके घर से लगभग 20 किमी दूर है। मारेम की चचेरी बहन तबीथा ने बताया कि घरवालों को घटना के बारे में तब पता चला जब दोपहर 2 बजे के आसपास मारेम के घर फोन आया। फोन करने वाले ने परिवार को बताया कि मारेम को मीरा पैबिस (मैतेई महिला कार्यकर्ता) ने पकड़ लिया है। उसके बाद दोपहर करीब 2.30 बजे परिवार वालों को पुलिस से फोन आया और उन्होंने इंफाल के जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के शवगृह में आकर एक शव की पहचान करने के लिए कहा गया। मारेम की बहन तबीथा ने कहा, “लोग इतने क्रूर कैसे हो सकते हैं, कैसे एक निर्दोष को बेरहमी से मार सकते हैं? हमें बाद में पता चला कि लूसी को मारिंग नागा जनजाति से संबंधित होने की पहचान बताने के बाद भी मार दिया गया था।''
इस घटना के बाद मणिपुर में नागाओं की शीर्ष संस्था यूनाइटेड नागा काउंसिल (यूएनसी) ने 12 घंटे का बंद बुलाया। जिसके कारण सोमवार को मणिपुर के पांच नागा बहुल जिलों में जनजीवन पूरी तरह से ठप हो गया। यूएनसी ने एक बयान जारी करके मीरा पैबिस पर मारेम को पकड़ने और उसे मैतेई कट्टरपंथी समूह अरामबाई तेंगगोल के सदस्यों को सौंपने का आरोप लगाया है। मणिपुर की तीन प्रमुख जातीय समूहों मैतेई, नागा और कुकी-ज़ोमिस हैं। इनमें नागा समुदाय ने मैतेई और कूकी के बीच चल रही हिंसा से दूरी बनाए रखी है। राज्य के 10 नागा विधायकों ने हिंसा के संबंध में एक बयान जारी करके कहा है कि कुकी-ज़ोमी के लिए एक अलग प्रशासन के संबंध में किसी भी प्रकार के समझौते के मामले में नागा क्षेत्र प्रभावित नहीं होने चाहिए। हालांकि, मारेम की हत्या पर नागा विधायकों और समूह की ओर से बेहद तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। नागा पीपुल्स फ्रंट के विधायक लोसी दिखो ने कहा कि नागा समुदाय जवाब देने और सख्त कार्रवाई करने की मांग कर रहा है।
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